नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने झेन्हुआ डेटा लीक के मुद्दे पर कहा कि इसे चीन के सामने उठाया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि चीन ने अवगत कराया है कि यह एक निजी संस्था है जिसका चीनी सरकार से कोई संबंध नहीं है. भारत सरकार ने रिपोर्ट का अध्ययन करने, कानून के उल्लंघन का आकलन करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक के तहत समिति का गठन किया है जो 30 दिनों में रिपोर्ट देगी.


क्या है झेन्हुआ डेटा लीक मामला?


हाल ही में चीन की जासूसी की साजिश का पर्दाफाश हुआ जिसके तहत चीन की कंपनी झेन्हुआ डेटा इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 10 हजार महत्वपूर्ण भारतीय लोगों की गतिविधियों को ट्रैक कर रही है. ये रिपोर्ट अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्प्रेस में छपी थी. रिपोर्ट के मुताबिक दस हजार भारतीयों लोगों की गतिविधियों के डेटा का विश्लेषण भी किया जा रहा था.





डिसइंगेजमेंट पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?


वहीं भारत-चीन सीमा विवाद के बीच डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया को लेकर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी पक्ष को ईमानदारी से भारतीय पक्ष के साथ मिलकर पेंगोंग लेक सहित सभी टकराव वाले इलाकों में जल्द डिसइंगेजमेंट के लिए गंभीरता से काम करना चाहिए. हाल ही में हुई मंत्री स्तरीय वार्ता में यह सहमति बनी कि सैनिकों को शीघ्र और पूर्ण रूप से हटाया जाना चाहिए.


कुलभूषण जाधव मामले पर?


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे के फैसले को लागू करने के अपने दायित्वों को पूरा नहीं कर पाया है. उसे मूल मुद्दों पर बात करने की जरूरत है जिसमें प्रासंगिक दस्तावेजों का प्रावधान और कुलभूषण को अप्रभावित कांसुलर एक्सेस प्रदान करना शामिल है.


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