AP Rajya Sabha Seat: वाईएसआरसी ने आंध्र प्रदेश की सभी 11 राज्यसभा सीटों पर कब्जा करते हुए उच्च सदन में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. तीन नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्यों ने गुरुवार (4 अप्रैल) को शपथ ली. साल 1983 में सत्ता में आने के बाद 41 वर्षों में यह पहली बार है, जब तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की राज्यसभा में एक भी सांसद नहीं हैं.


उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने वाईएसआरसी नेता वाईपी सुब्बा रेड्डी, गोला बाबू राव और मेदा रघुनाथ रेड्डी को शपथ दिलाई. सुब्बा रेड्डी और रघुनाथ ने अंग्रेजी में शपथ ली, वहीं बाबू राव ने हिंदी में शपथ ली. 


YSRC चौथी सबसे बड़ी पार्टी


नए सदस्यों के शामिल होने के साथ ही राज्यसभा में वाईएसआरसी सदस्यों की कुल संख्या अब 11 हो गई है, जिससे वह राज्यसभा में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. उच्च सदन में सबसे ज्यादा 97 राज्यसभा सांसद के साथ बीजेपी पहले नंबर है. उसके बाद 29 सदस्यों के साथ कांग्रेस और 13 सदस्यों के साथ तृणमूल कांग्रेस है.


शपथ लेने से पहले बाबू राव ने संसद में दलितों को अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य गरीबों के मुद्दों को केंद्र सरकार के ध्यान में लाना है. चुनाव आयोग ने 27 फरवरी को आंध्र प्रदेश में तीन सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव की घोषणा की थी.


आंध्र प्रदेश में YSRC ने किया क्लीन स्वीप


आंध्र प्रदेश में टीडीपी के पास 22 विधायक हैं, उन्हें राज्यसभा सीट जीतने के लिए 44 वोटों की आवश्यकता थी. इस वजह से टीडीपी ने राज्यसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार ही नहीं उतारा और वाईएसआरसी को निर्विरोध जीत मिल गई. वाईएसआरसी ने पिछले पांच वर्षों में 11 राज्यसभा सीटों पर क्लीन स्वीप किया. अब राज्यसभा में टीडीपी के एक भी प्रतिनिधि नहीं बचे. 


टीडीपी के एकमात्र राज्यसभा सदस्य कनकमेदाला रवींद्र कुमार का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को समाप्त हो गया. आंध्र प्रदेश राज्य को कोटे में राज्यसभा की 11 सीटें हैं. साल 2019 के चुनाव से पहले, राज्यसभा में वाईएसआरसी के दो सदस्य और टीडीपी के नौ सदस्य थे. 


ये भी पढ़ें: Congress Manifesto 2024: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए लगाई वादों की झड़ी, 10 पॉइंट में समझिए कांग्रेस का घोषणापत्र