CBI Action on YES Bank Case: यस बैंक से जुड़े 600 करोड़ रुपये के घोटाले मामले मे सीबीआई ने आज दिल्ली और पुणे मे आठ जगहों पर छापेमारी की. ये छापेमारी नीलकमल रिलेटर्स के शाहिद बलवा और विनोद गोयनका और एबीआईएल के बिल्डर अविनाश भोसले के ठिकानो पर मारी गई. इन सभी के बड़े पैमाने पर राजनैतिक कनेक्शन बताए जाते हैं और इनमें गोयनका और बलवा पहले भी 2जी स्पेक्ट्रम मामले मे आरोपी रह चुके हैं.


मुंबई और पुणे मे CBI की दिल्ली मुख्यालय टीम ने मुंबई और पुणे कार्यालय के सहयोग से आठ जगहों पर छापेमारी की ये छापेमारी 2 जी स्पेक्ट्रम मामले मे आरोपी रह चुके शाहिद बलवा और विनोद गोयनका समेत पुणे के बिल्डर अविनाश भोसले के ठिकानो पर की गई. सीबीआई के मुताबिक यह घोटाला साल 2018 मे यस बैंक घोटाले से जुड़ा हुआ है. जब यस बैक ने DHFL के अल्पकालिक डिवेंचर मे 3700 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके बदले ने डीएचएफएल के मालिकों ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के परिवार के सदस्यों की कंपनी डीओआईटी मे 600 करोड़ रुपये का कथित कर्जा दिया.


मामले की FIR मे कुल 12 लोगों के नाम शामिल


सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले की FIR मे कुल 12 लोगों के नाम शामिल थे लेकिन उसमे बलवा गोयनका और अविनाश के नाम शामिल नहीं थे. मामले की जांच के दौरान इनके नाम सामने आए और छापेमारी की कार्रवाई की गई ध्यान रहे कि इनमे बलवा और गोयनका पर दाऊद के आदमी होने का आरोप भी लग चुका है हालांकि दोनो ने उससे इंकार किया था. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि देर शाम तक चली छापेमारी के दौरान अनेक इलेक्ट्रानिक डिवाइसो और दस्तावेजों को जब्त किया गया है. इसके अलावा कुछ लोगों से आरंभिक पूछताछ भी की गई है. सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों पर छापेमारी की गई है इन सभी के तार महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े नेताओं से जुड़े हुए है इन मे बिल्डर तो महाराष्ट्र सरकार के सर्वेसर्वाओं के भी बेहद करीबी माना जाता है. 


सीबीआई के एक आला अधिकारी ने इस बाबत कहा कि सीबीआई अपने केस के मामले को लेकर छापेमारी कर रही है और अगर इस जांच के दौरान किसी का भी नाम सामने आता है चाहे वो नेता हो या अभिनेता तो सामने आए तथ्यो के आधार पर उससे भी पूछताछ की जायेगी. सीबीआई ने यह मुकदमा किसी की शिकायत के आधार पर नहीं बल्कि गुप्त सूचना के आधार पर सामने आई जानकारी के आधार पर दर्ज किया है. जिसमें आपराधिक षडयंत्र धोखाधड़ी और भ्रष्ट्राचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओ के तहत दर्ज किया है जिसमे सरकारी पद के दुरूपयोग की धारा भी जोड़ी गई है. मामले की जांच जारी है.