Rubaiya Sayeed Abduction Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एक विशेष अदालत ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबैया सईद (Rubaiya Sayeed) को समन जारी किया है. कोर्ट ने उन्हें 1989 में हुए उनके अपहरण से जुड़े मामले में 15 जुलाई को पेश होने के लिए कहा है. 


यह पहला मौका है जब पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की बहन रुबैया सईद को मामले में पेश होने के लिए कहा गया है. उनका आठ दिसंबर 1989 को अपहरण कर लिया गया था. केंद्र में बीजेपी समर्थित तत्कालीन वी. पी. सिंह सरकार ने उनकी रिहाई के बदले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के पांच आतंकवादियों को रिहा करने का फैसला किया था.


रुबैया सईद तमिलनाडु में रहती हैं और सीबीआई ने उन्हें अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में सूचीबद्ध किया है. सीबीआई ने 1990 के दशक की शुरुआत में इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी.


रूबैया सईद अपहरण मामले में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जेकेएलएफ का प्रमुख यासीन मलिक (Yasin Malik) एक आरोपी है. मलिक को हाल ही में टेरर फंडिंग से जुड़े एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.


रुबैया अपहरण का मामला ठंडे बस्ते में चला गया था और 2019 में टेरर फंडिंग के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा मलिक को पकड़े जाने के बाद यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया.


सीबीआई ने पिछले साल जनवरी में विशेष लोक अभियोजकों मोनिका कोहली और एस. के. भट की मदद से रूबैया अपहरण मामले में मलिक सहित 10 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए. रूबैया अपहरण मामला घाटी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ और पांच आतंकवादियों की रिहाई के बाद वहां आतंकवाद की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई.


अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने अभियोजन पक्ष की गवाह के रूप में सूचीबद्ध रूबैया को समन करने के लिए अनुरोध किया था और विशेष अदालत ने इस पर सहमति जताते हुए उन्हें 15 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया है.


इस मामले के अन्य आरोपियों में अली मोहम्मद मीर, मोहम्मद जमां मीर, इकबाल अहमद गंद्रू, जावेद अहमद मीर, मोहम्मद रफीक पहलू, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराज-उद-दीन शेख और शौकत अहमद बख्शी शामिल हैं.


जांच के दौरान, आरोपियों अली मोहम्मद मीर, जमां मीर और इकबाल गंद्रू ने रूबैया अपहरण मामले में अपनी भूमिका के बारे में खुद ही एक मजिस्ट्रेट के सामने स्वीकार किया. इसके अलावा, चार अन्य आरोपियों ने सीबीआई के पुलिस अधीक्षक के सामने इकबालिया बयान दिए.


मार्च 2020 में विशेष अदालत ने जनवरी 1990 में श्रीनगर के बाहरी हिस्से में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के चार कर्मियों की हत्या से संबंधित एक अन्य मामले में जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक (Yasin Malik) और अन्य छह लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे.


Yasin Malik Case: यासीन मलिक की सजा पर इस्लामिक सहयोग संगठन ने उठाया सवाल तो भारत ने सुनाई खरी-खरी, दिया ये जवाब


Ladakh Indian Army Accident: लद्दाख के तुरतुक में सेना की गाड़ी श्योक नदी में गिरी, 7 सैनिकों की मौत