नई दिल्ली: बीजेपी में आजकल महाभारत के पात्रों के बहाने वार-पलटवार हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आलोचकों की तुलना महाभारत के किरदार शल्य से की तो जवाब में बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने दुर्योधन और दुशासन की मिसाल देते हुए पलटवार कर दिया. खास बात ये है कि यशवंत सिन्हा ने ये बयान दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की मौजूदगी में दिया.


ये मौका मनीष तिवारी की किताब Tidings of Troubled Times के विमोचन कार्यक्रम का था. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यशवंत सिन्हा थे. कार्यक्रम में न सिर्फ एक-दूसरे की विरोधी पार्टियों के तीन बड़े नेता एक मंच पर मौजूद रहे, बल्कि इसी मंच से यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार भी कर दिया.


यशवंत सिन्हा ने कहा, ''शल्य को दुर्योधन ने धोखे से अपने पक्ष में किया था. कौरव सौ भाई थे लेकिन दुर्योधन और दुःशासन को छोड़ कर किसी को न तो आप जानते हैं और न ही मैं.''


दरअसल, यशवंत सिन्हा ने महाभारत के जिस किरदार शल्य का जिक्र किया, उसकी तुलना पीएम मोदी ने बुधवार को अपने आलोचकों से की थी. पीएम ने किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन माना यही गया कि उनका इशारा सबसे अधिक यशवंत सिन्हा की तरफ ही है.


यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी के इस बयान का जवाब न सिर्फ केजरीवाल और मनीष तिवारी की मौजूदगी में दिया. इसके साथ ही उन्होंने केजरीवाल के बयान का समर्थन भी किया कि देश में डर का माहौल है, जिसके खिलाफ सबको मिलकर आवाज़ उठानी चाहिए.


पूर्व वित्त मंत्री के इन बयानों से भड़की बीजेपी ने कहा कि यशवंत सिन्हा ने कांग्रेस के कार्यक्रम में ऐसे बयान देकर साबित कर दिया है कि वो कौरवों के साथ हैं. बीजेपी प्रवक्ता अनिल बलूनी कहा, "उन्होंने इस कार्यक्रम में जाकर साबित कर दिया है कि उन्हें अर्थशास्त्र का ज्ञान कहां से मिल रहा है. और वो कौरवों के साथ हैं.''


हालांकि बीजेपी की ये प्रतिक्रिया आने से पहले ही यशवंत सिन्हा कह चुके थे कि अगर मनीष तिवारी के कार्यक्रम में शामिल होने की वजह से पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की तो ये उनकी जिंदगी का सबसे अच्छा पल होगा.