Shashi Tharoor On PT Usha: राज्यसभा सांसद और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा की उनके एक बयान को लेकर काफी आलोचना हो रही है. दरअसल, उन्होंने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि पहलवानों में अनुशासन की कमी है. उन्हें इस तरह सड़कों पर नहीं उतरना चाहिए. अब उनके इस बयान का तमाम राजनेता भी विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पीटी उषा की आलोचना करते हुए कहा कि अधिकारों के लिए उनका खड़ा होना राष्ट्र की छवि को धूमिल नहीं करता है. 


शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा कि "यौन उत्पीड़न के खिलाफ अपने साथी खिलाड़ियों के जायज विरोध को कम करने का आपको कोई अधिकार नहीं है. अपने अधिकारों के लिए उनका खड़ा होना राष्ट्र की छवि को किसी भी तरह से धूमिल नहीं करता है. उनकी चिंताओं को अनदेखा करना कर उन्हीं पर सवाल खड़े करना राष्ट्र की छवि को धूमिल करता है."






पीटी उषा ने क्या कहा था 


पीटी उषा ने कहा था, "खिलाड़ियों को सड़कों पर विरोध नहीं करना चाहिए था. उन्हें कम से कम समिति की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था. उन्होंने जो किया है वह खेल और देश के लिए अच्छा नहीं है. यह एक नकारात्मक दृष्टिकोण है." उन्होंने यह तक कह दिया था कि पहलवानों में अनुशासन की कमी है. प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों ने भी इस बयान के बाद काफी नाराजगी जताई थी और पीटी उषा के बयान की आलोचना की थी. 


प्रियंका चतुर्वेदी का बयान


इसके अलावा शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी इस बयान को लेकर पीटी उषा की आलोचना कर चुकी हैं.  प्रियंका ने कहा कि हमें सामूहिक रूप से हमारी महिला खिलाड़ियों के लिए बोलने की जरूरत है. उन्होंने कहा देश की छवि तब खराब होती है, जब यौन उत्पीड़न के आरोपी सांसद बच जाते हैं, जबकि पीड़ितों को न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ता है. खिलाड़ी हमारे देश के लिए प्रशंसा हासिल करते हैं और उन पर गर्व करना चाहिए. 






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