Sonpur Fair Kavi Sammelan Row: बिहार (Bihar) के ऐतिहासिक सोनपुर मेले (Sonpur Mela) में आयोजित होने वाला कवि सम्मेलन (Kavi Sammelan) रद्द किए जाने पर विवाद गहराता जा रहा है. कवयित्री अनामिका जैन अंबर (Anamika Jain Amber) ने बताया कि कवि सम्मेलन क्यों रद्द किया गया. अनामिका के मुताबिक, सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए उन्हें प्रशासन की ओर से रोक दिया गया. इसके बाद बाकी कवि उनके समर्थन में उतर आए.


अनामिका ने दावा किया कि कवि सम्मेलन रद्द होने में कवियों का कोई हाथ नहीं है. उन्होंने कहा कि इसे सरकार के कहने पर प्रशासन ने रद्द किया है. मामले को लेकर अनामिका जैन अंबर ने अपनी बात एबीपी न्यूज के साथ साझा की. बकौल अनामिका सात कवि उनके समर्थन में उतर आए थे, जिन्होंने कविता पाठ करने से इनकार कर दिया था.


क्या कहा अनामिका जैन अंबर ने?


अनामिका ने कहा, ''लगभग एक से डेढ़ महीने पहले आयोजकों ने मुझसे संपर्क किया था और इस कवि सम्मेलन में शामिल होने के लिए कहा था, जिसकी स्वीकृति मैंने दे दी थी. बिहार सरकार का प्रशासन इस कार्यक्रम को आयोजित करा रहा था. मैं शुक्रवार (25 नवंबर) की सुबह साढ़े दस बजे के आसपास पटना पहुंच गई थी. जब मैं वहां पर पहुंची तो प्रशासन की ओर से मुझे कहा गया कि अभी आप पटना में ही रुकी रहें, आपको आगे की परिस्थिति के बारे में सूचित किया जाएगा. फिर जानकारी दी गई कि मुझे कवि सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जा रही है.''


समर्थन में उतरे साथी कवि


अनामिका ने आगे कहा, ''जब यह बात मेरे सामने आई तो मैंने अपने अन्य सभी साथियों को बताया. उन लोगों ने मेरे समर्थन में एक सुर में प्रशासन के इस कदम को गलत बताया. सभी ने मिलकर प्रशासन से बात की. यहां तक कहा कि अगर बिहार सरकार या प्रशासन को ऐसा लगता है कि अनामिका अंबर राज्य सरकार को लेकर कोई कविता पड़ेंगी, जिसमें सरकार के खिलाफ कुछ हो सकता है तो ऐसा नहीं है. वह इस तरीके की या फिर किसी भी प्रकार की राजनीति से जुड़ी हुई कोई कविता नहीं पड़ेंगी. चाहें तो लिखित में ले लें.''


'बिहार सरकार को किस बात का डर?'


कवयित्री ने आगे कहा, ''सभी लोग डीएम से मिलने पहुंचे लेकिन डीएम साहब तो मिले नहीं, एडीएम साहब को आगे किया गया. उन्होंने कहा कि ऊपर से आदेश है कि अनामिका को कवि सम्मेलन में पहुंचने न दिया जाए. बतौर कलाकार मुझे यह बहुत ज्यादा अपमानजनक लगा क्योंकि सोनपुर का मेला ऐतिहासिक है और देशभर के कलाकार वहां पहुंचते हैं. क्या डर है बिहार सरकार को, यह वही जानते हैं लेकिन मैं दर्शकों को यही कहना चाहूंगी कि यह कवि सम्मेलन कवियों की वजह से नहीं, बिहार सरकार और प्रशासन की वजह से रद्द किया गया है. मुझे सबसे ज्यादा गुस्सा उस समय आया जब प्रशासन ने यह कहा कि कवियों के इस सम्मेलन में न पहुंचने की वजह से कार्यक्रम रद्द किया गया है जबकि प्रशासन ने ही मुझे उस सम्मेलन में आने से रोका था.''


बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान दो गाने वायरल हुए थे. 'यूपी में का बा' गाने के जवाब में अनामिका जैन अंबर ने 'यूपी में बाबा' गाना गया था. उनके गाने को खूब शेयर किया गया था.


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