प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डीएम के साथ बैठक में नरेंद्र मोदी ने ज़मीन पर काम कर रहे कलेक्टरों से बात की. प्रधानमंत्री ने कहा कि, ये बीमारी रूप बदल रही है, ये बीमारी बहुरूपिया है, वायरस म्यूटेंट होकर हमला कर रहा है.


इससे निपटने के लिए बच्चों पर इसके असर का अलग से रिकोर्ड रखा जाए ताकि भविष्य में होने वाले इसके हमले और बच्चों में इसके असर की तैयारी की जा सके. पीएम नरेंद्र मोदी ने बैठक में मामलों पर नज़र रखने और तैयारी के लिए ज़िला कलेक्टरों की तारीफ़ की.


बैठक में बोलने नहीं दिया गया- ममता बनर्जी


पीएम की इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री भी शामिल हुई लेकिन बैठक के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बैठक में बोलने नहीं दिया गया. मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कहा कि, “ बैठक में कठपुतलियों की तरह बैठा कर रखा, हम अपमानित महसूस कर रहे हैं हमें बोलने नहीं दिया गया. ऑक्सीजन-ब्लैक फंगस पर कुछ नहीं पूछा"


जबकि पश्चिम बंगाल से पीएम और डीएम की बैठक के लिए 24 उत्तर परगना ज़िले के डीएम ने अपनी बात रखने के लिए कहा था, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने डीएम के बोलने के समय को रद्द कर दिया और कहा कि वे खुद बोलेगी. सूत्रों का कहना है कि, ये बैठक पीएम और डीएम के बीच सीधे संवाद के लिए आयोजित की गई है.


ममता बैनर्जी बैठक में ड्रामा करना चाहती थी


इसमें मुख्यमंत्री उपस्थित रह सकते हैं ताकि डीएम जो भी अनुभव और दिक्कत बताए वे मुख्यमंत्री के संज्ञान में सीधे आ जाये. इसलिए डीएम को बात रखने की इजाज़त है जबकि ममता बैनर्जी, जब पीएम और मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक आयोजित की जाती है तब बैठक में शामिल नहीं होती हैं. सूत्रों के मुताबिक ममता बैनर्जी ने जब डीएम उत्तर परगना के बात रखने के समय को रद्द करवा दिया तब समझ आ गया था कि ममता बैनर्जी बैठक में ड्रामा करना चाहती थी.


इस बैठक  के प्रोटोकॉल की जानकारी शामिल सभी डीएम और सीएम को है,  आज की बैठक में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश और राजस्थान के डीएम ने अपनी बात रखी.