IPS Sadanand Vasant Date NIA DG : लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान से पहले केंद्र सरकार ने अपने एक बड़े कदम में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के डीजी के पद पर 1990 के महाराष्ट्र काडर के चर्चित आईपीएस अधिकारी सदानंद वसंत दाते को नियुक्त किया है. केंद्र सरकार की ओर से दाते सहित दो अन्य आईपीएस अधिकारियों की अलग-अलग एजेंसियों में नियुक्ति का आदेश जारी होने के बाद सदानंद वसंत दाते सुर्खियों में हैं.


26/11 हमले के दौरान उनकी बहादुरी और सूझबूझ की वजह से उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था. अब देश भर में आतंकवाद, नक्सलवाद, उग्रवाद, इंडियन पॉपुलर फ्रंट जैसे प्रतिबंधित संगठनों और खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ देश के साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा में भी जांच कर रही एनआईए की कमान जब उन्हें मिली है तो माना जा रहा है कि आंतरिक सुरक्षा के मामले में अब एनआईए और तेजी से एक्शन लेने वाली है. चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर आईपीएस सदानंद वसंत दाते हैं कौन और क्यों इतनी सुर्खियों में हैं.


26 /11 हमले में सदानंद बसंत की सूझबूझ से जिंदा पकड़ा गया था कसाब


26 नवंबर 2008 की रात, जब मुंबई शहर पर 10 आतंकवादियों ने हमला किया था तो 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते उन कुछ अधिकारियों में से थे, जो आतंकियों द्वारा टागेट की गई जगह पर सबसे पहले पहुंचे और फिर आखिर तक जवाबी कार्रवाई में लगे रहे. यह दाते की बहादुरी और विषम परिस्थितियों में सूझबूझ थी, जिसके कारण अबू इस्माइल और अजमल कसाब बंधक बनाए गए लोगों को बचाया जा सका. फिर कसाब एकमात्र जीवित आतंकवादी के रूप में पकड़ने में कामयाबी मिली. आखिर दाते की बहादुरी और सूझबूझ के कारण बंधकों को बचाया गया, जिन्हें आतंकी ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए ले जा रहे थे. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को बाद में वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया.


26/11 हमले के बारे में आईपीएस सदानंद वसंत दाते ने ये कहा था


 इस आतंकी हमले के बाद एक इंटरव्यू में आईपीएस दाते ने कहा था, ’26/11 हमला मेरे करियर की सबसे चुनौतीपूर्ण घटना है और यह जीवन भर मेरे साथ रहेगी. मैंने अपनी क्षमता के अनुसार जो भी सर्वोत्तम था, वह करने की कोशिश की. 


सीआरपीएफ, आईबी, एटीएस में संभाल चुके हैं महत्वपूर्ण पद


बता दें कि महाराष्ट्र एटीएस के मौजूदा प्रमुख (एनआईए के डीजी के तौर नियुक्ति से पहले तक) सदानंद वसंत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो में डीआइजी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में आइजी (ऑप्स) के रूप में भी काम किया है. उन्होंने मुंबई के पास मीरा-भयंदर और वसई-विरार शहर के पुलिस आयुक्त का पद भी संभाला है.


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