राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पिछले साल लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले के मामले में इंद्रपाल सिंह गाबा को गिरफ्तार किया है. इंद्रपाल का पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आया है. NIA ने बयान जारी कर बताया कि इंद्रपाल सिंह को गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. 


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ब्रिटेन के हाउंस्लो के रहने वाले इंद्रपाल सिंह गाबा को पिछले साल अटारी बॉर्डर से उस वक्त हिरासत में लिया गया था, जब वह पाकिस्तान से भारत में घुसने की कोशिश कर रहा था. सूत्रों के मुताबिक, इंद्रपाल को आईपीसी के सेक्शन 34, प्रवेंशन ऑफ इंसल्ट ऑफ नेशनल हॉनर एक्ट के सेक्शन 2 और यूपी(ए) एक्ट के सेक्शन 13(1) के तहत गिरफ्तार किया गया है. 


क्या है मामला?


दरअसल, लंदन में इंडिया हाउस के सामने पिछले साल 19 मार्च से 22 मार्च तक खालिस्तानियों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किए थे. 19 मार्च को बड़ी संख्या में पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने भारतीय अधिकारियों पर हमला किया था और उच्चायोग की इमारत को भी नुकसान पहुंचाया था और तिरंगे का अपमान किया था. 22 मार्च को भारत विरोधी नारेबाजी हुई थी और तिरंगे का अपमान किया गया था.


NIA ने इस मामले में जांच के बाद कई संदिग्धों से पूछताछ की थी. इतना ही नहीं जांच एजेंसी ने पंजाब और राजस्थान के 31 ठिकानों पर रेड डाली थी. सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की एक टीम लंदन भी जांच के लिए पहुंची थी. NIA ने इंद्रपाल सिंह गाबा समेत कई आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था. 


कैसे आया पकड़ में?


गाबा को पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ करते वक्त अटारी बॉर्डर से हिरासत में लिया गया था. इसके बाद उसका फोन जब्त किया गया था. जब फोन से एजेंसी ने डेटा निकाला तो पता चला कि 19.03.2023 और 22.03.2023 को विरोध प्रदर्शन भारतीय मिशनों और उसके अधिकारियों पर हमला करने की बड़ी साजिश का हिस्सा थे. 


गाबा ने मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के बाद खुद को तैयार किया है. वह 'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख है.  गाबा को उसके नौ सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है.  NIA ने पिछले साल जून में कई वीडियो जारी कर लोगों से प्रदर्शनकारियों की पहचान करने की मांग की थी.