जिनेवा: चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ जानलेवा कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बना हुआ है. एक तरफ जहां इस खतरनाक वायरस की चपेट में आकर लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी बड़ा झटका लगा है. हालांकि, शुरुआत से ही दावा किया जा रहा था कि हर्ड इम्युनिटी के जरिए कोरोना वायरस का खात्मा किया जा सकता है. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपने ताजा बयान में ऐसी किसी भी संभावना से साफ मना किया है.


WHO ने अपने ताजा बयान में ‘हर्ड इम्यूनिटी’ के जरिए कोरोना पर काबू पाए जाने के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. WHO ने कहा कि कोरोना वायरस अभी हर्ड इम्यूनिटी उत्पन्न होने जैसी स्थिति में नहीं है. बता दें कि कुछ समय पहले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने दावा किया था कि ब्रिटेन में कुछ लोगों के बीच हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो रही है.


हम हर्ड इम्यूनिटी की स्थिति में नहीं: WHO


डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन मामलों के प्रमुख डॉक्टर माइकल रेयान ने कहा कि हमें हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने की उम्मीद में नहीं रहना चाहिए. अभी हम उस स्थिति के आसपास भी नहीं हैं जो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है.


उन्होंने आगे कहा कि हर्ड इम्यूनिटी कोई समाधान नहीं है और न ही हमें इसकी तरफ देखना चाहिए. आज तक हुए अधिकतर अध्ययनों में यही बात सामने आई है कि सिर्फ 10 से 20 प्रतिशत आबादी में ही संबंधित एंटीबॉडीज हैं, जो लोगों को हर्ड इम्यूनिटी पैदा करने में सहायक हो सकते हैं. लेकिन इतनी कम एंटीबॉडीज की दर से हर्ड इम्यूनिटी को नहीं पाया जा सकता है.


क्या होती है हर्ड इम्युनिटी?


कोरोना वायरस से आप खुद को नहीं बचा सकते हैं. किसी न किसी तरह यह आप तक पहुंच ही जाएगा. इसलिए आपको इससे छिपने के बजाय इसका सामना करने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए. क्योंकि अगर आप अपने आपको घर में कैद रखेंगे तो जैसे ही आप बाहर निकलेंगे, ये संक्रमण आपको अपनी आगोश में ले लेगा. इसलिए इससे छुपे नहीं बल्कि इसका सामना करें. जितने ज्यादा लोग इस संक्रमण से संक्रमित होंगे, उतना ही इंसान इस महामारी से लड़ने में सक्षम होगा. इस थ्योरी को ही हर्ड इम्युनिटी कहते हैं.