नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले शनिवार पार्टी में नाराज़ चल रहे वरिष्ठ नेताओं में से कुछ नेताओं से मुलाकात कर विवाद को सुलझाने के लिए बैठक की थी. बैठक में सोनिया गांधी के अलावा खुद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं.


आखिरकार मान गए नाराज नेता


इस बैठक से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच खासी बहस हो सकती है और बात बनने की जगह कहीं और बिगड़ सकती है, मगर ABP News को मिली जानकारी के मुताबिक बैठक के अंत में राहुल गांधी की बात पर वहां मौजूद सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले वरिष्ठ नेताओं में शामिल गुलाम नबी आज़ाद, विवेक तन्खा जैसे कुछ अन्य नेताओं ने बाकायदा तालियां बजाई हैं.


राहुल गांधी के जवाब पर हुए खुश


विश्वसनीय सूत्रों ने ABP News को बताया कि राहुल गांधी ने जब आखिर में कहा कि वो पार्टी की ओर से दिए गए किसी भी काम को करने लिए तैयार हैं. तब सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ के लान में मौजूद अशोक गहलोत, ए के एंटनी और अजय माकन जैसे गांधी परिवार करीबी नेताओं के अलावा हाल हीं में विरोध दर्ज करा रहे वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद, विवेक तन्खा समेत अन्य नेताओ ने भी राहुल गांधी की इस बात का स्वागत करते हुए तालियां बजाई.


फरवरी में हो सकता अध्यक्ष पद का चुनाव


अब ये देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी जनवरी अंत या फरवरी में होने वाले अध्यक्ष पद का चुनाव लड़कर फिर से अध्यक्ष बनते हैं या गांधी परिवार अपने किसी क़रीबी नेता को ये जिम्मा सौंपता है.


कमलनाथ ने की बातचीत की पहल


वैसे विरोधी नेताओं को बातचीत के लिए मनाने और सुलह की कोशिशों में प्रियंका गांधी ने बड़ी अहम भूमिका निभाई. ABP News को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सोनिया गांधी को नाराज़ नेताओं से मिलने की सलाह के बाद प्रियंका गांधी ने लगभग सभी नेताओं से स्वयं बात कर उन्हें ना केवल बैठक के लिए बुलाया बल्कि उन्हें मनाने की भी कोशिशें की.


सोनिया की सलाहकार की भुमिका में आ रही प्रियंका


याद रहे, पहले सोनिया गांधी के लिए ये काम स्वर्गीय अहमद पटेल किया करते थे. अनौपचारिक तौर पर अहमद पटेल के निधन के बाद से एक तरह से प्रियंका गांधी हीं सोनिया गांधी की सलाहकार की भूमिका निभा रहीं हैं. नाराज़ चल रहे वरिष्ठ नेताओं से मिलकर उनसे बात कर विवाद सुलझाने की सलाह देने के लिए जब कमलनाथ सोनिया गांधी से मिलने आए थे, तब भी उस दिन मुलाकात के वक्त प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी के साथ मौजूद थी. साफ है आने वाले दिनों में प्रियंका गांधी की भूमिका पार्टी महासचिव के साथ-साथ बतौर सोनिया गांधी की सलाहकार भी काफी बढ़ने वाली है.


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