सोना हर किसी के दिल के बहुत करीब होता है. लोगों को सोने से जितना प्यार होता है ठीक उसी तरह इसकी कीमत भी हजारों में होती है. अभी सोना कि कीमत 48,645 रुपये प्रति दस ग्राम है. इतना मंहगे दाम के बाद अगर आपको दुकानदार नकली या सोना लेने वक्त आपके साथ छल करे तो आप इसे बर्दास्त नहीं कर पाएंगे.


सोने की खरीदारी में शुद्धता को लेकर सरकार भी काफी गंभीर है और इसलिए सरकार ने सोने की वस्तु पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दिया है. सोना लेते वक्त अगर आप कुछ सावधानियां बरत ले तो आप गलत सोना लेने से बच सकते हैं. सोना लेते वक्त उसकी क्वालिटी पर जरूर गौर करें. खास बात यह कि आप सोना हमेशा हॉलमार्क देखकर ही खरीदें.


 क्या होता है हॉलमार्क


सोने की शुद्धता और सुंदरता को प्रमाणित करने की प्रक्रिया को हॉलमार्किंग (Hallmarking) कहा जाता है। भारतीय मानक ब्यूरो, भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है, BIS अधिनियम के तहत सोने के साथ ही साथ चांदी के आभूषणो की भी हॉलमार्किंग आवश्यक है। हॉलमार्किंग से सोने की शुद्धता का पता ग्राहक को पता चलता है.


नंबर बताते हैं सोने का कैरेट


सोने पर हॉलमार्क एक तरह से उसकी शुद्धता की गांरटी सरकार के ओर से दी जाती है. सोने के आभूषण पर हॉलमार्क का नंबर दिया रहता है जिससे सोने के शुद्धता का पता चलता है. आमतौर पर आभूषण 22 कैरेट सोने के बने हुए होते हैं. क्योंकि सोने का सबसे शुद्ध मानक 24 कैरेट है पर यह इतना मुलायम होता है कि इससे आभूषण नहीं बन पाते हैं। हॉलमार्क पर पांच अंक होते है. सभी कैरेट का हॉलमार्क अगल होता है. जैसे 22 कैरेट पर 916 मतलब 91.6 शुद्धता, 21 कैरेट पर 875 यानि 87.5 शुद्धता. इससे सोने की शुद्धता पर शक नहीं रहता है.   


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