West Bengal Violence: कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा (Ram Navami Violence) को लेकर एनआईए (NIA) से मामले की जांच कराने का आदेश दिया है. दरअसल, रामनवमी समारोह के दौरान पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. इस दौरान पत्थरबाजी, आगजनी और मारपीट की घटनाएं सामने आई थीं. पुलिस की गाड़ियों, दुकानों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट्स को भी आग के हवाले कर दिया गया था. 


पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर 30 मार्च से हावड़ा, उत्तरी दिनाजपुर, इस्लामपुर में शोभायात्रा के दौरान झड़प हुई थी. इसमें एक युवक की मौत हो गई थी. इसके बाद के दिनों में हावड़ा और रिसड़ा के अलावा कई जगहों पर शोभा यात्रा के दौरान हिंसक घटनाएं हुईं थीं. भीड़ को शांत कराने और तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे. इस मामले को लेकर काफी राजनीतिक बवाल भी हुआ था. टीएमसी और बीजेपी दोनों ने ही एक-दूसरे पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था.


2 हफ्ते के अंदर सभी दस्तावेज NIA को सौंपने का आदेश 


एक्टिंग चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने राज्य पुलिस को 2 हफ्ते के अंदर जांच से संबंधित सभी जरूरी दस्तावेज, एफआईआर और सीसीटीवी फुटेज एनआईए को सौंपने का आदेश दिया है. दरअसल, बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने एक जनहित याचिका दायर कर पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा की एनआईए जांच की मांग की थी.


एनआईए कब से शुरू करेगा मामले की जांच 



केंद्र सरकार से एनओसी मिलने के बाद एनआईए मामले की जांच शुरू करेगी. शहर में रामनवमी समारोह में हिंसा के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. हावड़ा, खड़गपुर, बैरकपुर, भद्रेश्वर, सिलीगुड़ी और आसनसोल में हजारों लोगों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए इन जुलूसों में हिस्सा लिया था. हाई कोर्ट का यह आदेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में अनुमति के बावजूद रामनवमी के जुलूस पर बदमाशों के हमले का आरोप लगाने वाली एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद आया है. 



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