Sandeshkhali ED Attack Case: पश्चिम बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपने में हुई देरी की वजह के बारे में बताया है. पुलिस ने देरी के लिए राज्य सरकार की सुप्रीम कोर्ट में अपील को जिम्मेदार ठहराया है.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीआईडी ने कहा कि शाहजहां शेख को केंद्रीय एजेंसी को नहीं सौंपा गया, क्योंकि राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.


हालांकि, शीर्ष अदालत ने अर्जी को तुरंत सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और राज्य के वकील से मामले का उल्लेख रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष करने को कहा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में पुलिस ने राज्य की अपील और शीर्ष अदालत की प्रतिक्रिया समेत हैंडओवर तक की घटनाओं की जानकारी दी है.


राज्य सरकार कर रही कोर्ट के निर्देशों का पालन- पुलिस


पुलिस ने कहा कि इस बीच सीबीआई ने हाई कोर्ट के समक्ष एक विशेष याचिका दायर की, जिसमें राज्य के अधिकारियों को अवमानना का दोषी ठहराया गया. पुलिस के बयान में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित याचिका के मद्देनजर राज्य सरकार हाई कोर्ट की महिमा और उसकी ओर से पारित आदेशों का सम्मान करते हुए निर्देशों का पालन कर रही है.


कितनी देरी से CBI को सौंपा गया शाहजहां शेख?


पिछले हफ्ते कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से यह स्पष्ट किए जाने के बाद शाहजहां शेख को गिरफ्तार किया गया था कि उसकी गिरफ्तारी में कोई बाधा नहीं है. शाहजहां शेख यौन शोषण, जबरन वसूली और जमीम हड़पने का आरोपी है.


पश्चिम बंगाल सीआईडी ने संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हमले के मामले में मुख्य आरोपी शेख की हिरासत सीबीआई को सौंपी है. हाई कोर्ट की ओर से दी गई समय सीमा के 24 घंटे बाद बुधवार को शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपा गया.


सीबीआई अधिकारियों की टीम अपराह्न चार बजे से पहले ही शेख को लेने पहुंच गई थी, लेकिन सीआईडी ने शाम छह बजकर 48 मिनट उसे केंद्रीय एजेंसी के हवाले किया, जबकि कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपराह्न चार बजकर 15 मिनट की समय सीमा तय की थी.


कोर्ट में नहीं चली राज्य सरकार की दलील


राज्य सरकार की यह दलील नहीं चली कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. वहीं, हाई कोर्ट ने कहा कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने का आदेश नहीं दिया है, इसलिए शेख को शाम 4.15 बजे तक सीबीआई को जरूर सौंप दिया जाना चाहिए.


29 फरवरी को शाहजहां शेख को किया गया था गिरफ्तार


शाहजहां शेख 5 जनवरी को उस समय फरार हो गया था जब कथित तौर पर उसके समर्थकों ने प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम पर हमला कर दिया था, जो राशन घोटाले के सिलसिले में उसके घर की तलाशी लेने गई थी. उसे 29 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और स्थानीय अदालत ने उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था.


एजेंसी ने अब उसकी संपत्तियों की एक हिस्सा अटैच कर दिया है. तृणमूल कांग्रेस ने शाहजहां शेख को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है.


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