पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा के बीच अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए कुल 133 लोगों ने असम के धुबरी जिले में शरण ली है. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने पुष्टि की कि राज्य सरकार ने उन्हें राहत शिविर में आश्रय, भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान की है.


राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने वोटों से छेड़छाड़ और हिंसा की व्यापक रिपोर्टों के जवाब में कार्रवाई करते हुए 19 जिलों में मतदान को "शून्य" घोषित कर दिया. एसईसी ने स्थिति का आकलन करने और आवश्यक निर्णय लेने के लिए 9 जुलाई को एक बैठक की. परिणामस्वरूप, इन क्षेत्रों के 697 बूथों पर पुनर्मतदान कराया गया, जिनके नतीजे आज यानी मंगलवार (11 जुलाई) को सामने आ रहे हैं.


असम के सीएम ने बताया शरण लेने वालों का हाल
असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्वा सरमा ने पूरी तस्वीर साफ करते हुए ट्वीट किया. पंचायत चुनावों के दौरान कूच बिहार, उत्तरी दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, मालदा, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना और पूर्वी बर्दवान सहित उत्तर और दक्षिण बंगाल के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं देखी गईं.


 






दुखद बात यह है कि त्रिस्तरीय चुनाव प्रक्रिया के दौरान कम से कम 19 लोगों की जान चली गई और कूच बिहार जिले के सीतलकुची में एक बम विस्फोट में घायल होने से एक टीएमसी कार्यकर्ता की मौत हो गई. फिलहाल पश्चिम बंगाल में हिंसा प्रभावित पंचायत और ग्रामीण निकाय चुनाव में वोटों की गिनती जारी है. 


शुरुआती रुझानों में तृणमूल कांग्रेस को मिली बढ़त अब जीत की ओर जाती दिख रही है. पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में ज्यादातर सीटों पर ममता बनर्जी की टीएमसी आगे चल रही है. बीजेपी कई सीटों पर आगे चल रही है. हालांकि, आखिरी नतीजे क्या होंगे, ये आज तय हो जाएगा. आसान शब्दों में कहें तो टीएमसी को चुनौती देने के बीजेपी, कांग्रेस और वामदलों के दावों के बावजूद ममता बनर्जी को कोई खास दबाव महसूस नहीं हुआ.


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