NCPCR Chief Priyank Kanoongo: कोलकाता में बच्ची की मौत को लेकर अब राजनीति शुरू हो चुकी है. इस मुद्दे पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और राज्य बाल संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन एक-दूसरे से भिड़ गए हैं. दरअसल, बीते दिनों पश्चिम बंगाल के तिलजिला में एक 7 वर्षीय बच्ची की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी. शुरुआती तफ्तीश में दावा किया गया कि तांत्रिक गतिविधियों के जाल में फंसाकर बच्ची को मौत के मुंह में धकेला गया है.


अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने शुक्रवार (31 मार्च) को आरोप लगाया कि कोलकाता के तिलजिला पुलिस थाने में एक पुलिस अधिकारी ने उनके साथ मारपीट की है. उन्होंने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने लिखा, "तिलजिला थाने में बंगाल पुलिस के अफसर बिस्वाक मुखर्जी ने मेरे साथ छीना झपटी व मारपीट की है."


NCPCR चीफ ने DG से शिकायत


कानूनगो ने अपने में ट्विटर पर लिखा कि, "पश्चिम बंगाल के तिलजिला थाने में बंगाल पुलिस के अफसर बिस्वाक मुखर्जी ने मेरे साथ छीना झपटी व मारपीट की है. पुलिस के लोग जांच कार्यवाही की चोरी छिपे रिकॉर्डिंग कर रहे थे. विरोध करने पर मेरे साथ मारपीट की है." प्रियांक कानूनगो ने पूरे मामले को लेकर डीजी को भी पत्र लिखा है. इसमें भी उन्होंने संबंधित पुलिस अधिकारी की शिकायत की है.


 






प्रियांक कानूनगो पर भी उठे सवाल  


बताया गया है कि कानूनगो ने राज्य बाल आयोग संरक्षण को इस बारे में जानकारी नहीं दी कि वो बंगाल में उस बच्ची के माता-पिता से मिलने जा रहे हैं, जिसकी बीते दिनों संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इसे लेकर प्रियांक कानूनगो पर सवाल भी उठाए गए हैं. राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुदेशना राय ने दिल्ली को पत्र भेजकर कहा है कि तिलजिला बाल हत्या मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को शहर आने की जरूरत नहीं है.


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