WB Govt. Moves Division Bench: बीजेपी विधायक और बंगाल विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी आदेश नहीं देने पर पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट की डिविजन बेंच का रुख किया है. बंगाल सरकार ने गिरफ्तारी आदेश नहीं देने के अंतरिम आदेश को चुनौती दी है.
गौरतलब है कि इससे पहले, कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी को एक बड़ी राहत देते हुए सोमवार को उनके खिलाफ पांच में से तीन मामलों पर रोक लगा दी. इसके अलावा कोर्ट ने पुलिस से यह भी कहा कि अदालत की अनुमति के बिना अधिकारी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. अदालत ने पुलिस को अधिकारी से उनकी सुविधा के अनुसार, पूछताछ करने को भी कहा.
न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने पुलिस और सीआईडी को निर्देश दिया कि अदालत की अनुमति के बिना अधिकारी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. अदालत ने उनके अंगरक्षक सुभब्रत चक्रवर्ती की मौत की जांच की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी. चक्रवर्ती ने 2018 में कोंटाई पुलिस स्टेशन में कथित तौर पर खुद को गोली मार ली थी.
चक्रवर्ती की मौत ने उस समय एक महत्वपूर्ण मोड़ ले लिया था, जब इस साल जुलाई में उनकी पत्नी सुपर्णा चक्रवर्ती ने कोंटाई पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और अपने पति की मौत की जांच की मांग की.
मामले को फिर से खोलने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए न्यायमूर्ति मंथा ने कहा, "उन्होंने अपने पति की मौत के तीन साल बाद शिकायत क्यों दर्ज कराई? क्या वह सो रहीं थीं? और अचानक इसे हत्या का दावा क्यों कर दिया और अधिकारी का नाम लिया गया? अदालत चिंतित है, अगर यह केवल अधिकारी को परेशान करने के लिए एक गिरफ्तारी बनती है."
इस मामले के साथ ही, एकल न्यायाधीश की पीठ ने नंदीग्राम में राजनीतिक झड़प और पूर्वी मिदनापुर जिले के पंसकुरा में सोने की चेन स्नेचिंग मामले से संबंधित जांच पर भी रोक लगा दी.
हालांकि, अदालत ने एक पुलिस अधीक्षक को धमकी से संबंधित मामलों की अनुमति दी. इसके अलावा कोलकाता के मानिकतला पुलिस स्टेशन में नौकरी घोटाले का एक और मामला है. अदालत ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि अधिकारी को विपक्ष के नेता को ध्यान में रखते हुए उनकी सुविधा के अनुसार ही उनसे पूछताछ करनी होगी.
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