आज पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती हो रही है. दोपहर एक बजे तक आए ताजा रुझानों में पश्चिम बंगाल में टीएमसी बंपर सीटों पर जीत के साथ सरकार बनाती नज़र आ रही है. वहीं बीजेपी 90 सीटों के अंदर ही सिमट गई है. यहां ममता बनर्जी एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. आपको बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी की इस जीत का मतलब क्या है


दीदी का जादू बरकरार


पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत का मतलब ये है  कि सूबे में दीदी का जादू बरकरार है. इस जीत के बाद अब ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगी. 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 211 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार भी टीएमसी इस आंकड़ें के आस-पास पहुंच गई है. इसका मतलब यही है कि पश्चिम बंगाल की जनता को दीदी का काम पसंद आया है और उन्होंने फिर से उन्हें जीत का सेहरा पहनाया है.


विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बनीं ममता बनर्जी


टीएमसी की जीत के बाद ममता बनर्जी अब मोदी के खिलाफ सबसे बड़ा चेहरा हैं. उन्होंने अकेले दम पर इस विधानसभा चुनाव में सभी को पछाड़ दिया है. ममता के खिलाफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, योगी आदित्यनाथ जैसे सभी बड़े चेहरों ने चुनाव प्रचार किया. सभी ने जमकर उन्होंने पर हमले भी किए लेकिन दीदी हार नहीं मानीं. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि दीदी ने खुद के दम पर सभी को इस चुनावी मैदान में मात दे दी है.


नंदीग्राम सीट पर लिया रिस्क


ममता बनर्जी ने रिस्क लेते हुए सिर्फ एक ही सीट नंदीग्राम पर चुनाव लड़ीं. ऐसा होता है कि बड़े नेता सुरक्षित और दो सीटों से चुनाव लड़ते हैं. खुद लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा. लेकिन ममता बनर्जी ने ऐसा नहीं किया उन्होंने एक ही सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया. इस सीट पर उनके खिलाफ बीजेपी ने एक्स-टीएमसी नेता शुभेंदु अधिकारी को मैदान में उतारा.


कोरोना पर दीदी ने आक्रामक रुख अपनाया


जिस समय पीएम मोदी सहित बीजेपी के सभी कद्दावर नेता पश्चिम बंगाल में चुनावी प्रचार कर रहे थे, उस दौरान देश में हर तरफ कोरोना महामारी तेजी से फैल रही थी. कोरोना के केस लगातार बढ़ते गए, ऑक्सीजन, वेटिंलेटर की कमी से हर तरफ अफरातफरी मची थी. इस मुद्दे पर ममता बनर्जी ने आक्रामक रुख अपनाया. उन्होंने पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. टीएमसी की ये जीत इस तरफ भी इशारा करती है कि लोगों में महामारी से ठीक से ना निपटने को लेकर भी बीजेपी से नाराजगी है. चुनावी रैलियों में ममता बनर्जी ने आम जनता के मुद्दे को उठाया. 


चोट को राजनीतिक प्रतीक बनाकर प्रचार करती रहीं


राजनीति में प्रतीकों के बहुत मायने होते है. एक रैली के दौरान जब ममता बनर्जी को चोट लगी तो इसका आरोप उन्होंने बीजेपी पर लगाया. इसके बाद वो इसे राजनीतिक प्रतीक बनाकर चुनावी रैलिया करती रहीं. ममता बनर्जी के पैर में प्लास्टर लगा था और वो Wheel-Chair पर बैठकर हमेशा मैदान में डटीं रहीं. इस दौरान वो देश के सबसे बड़े नेता को चुनौती देती हीं. ऐसे में बंगाल में उनकी पहुंच और भी ज्यादा बनी रही.




292 विधानसभा सीटों पर जारी है मतगणना
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 294 सीटें हैं और 292 पर वोटिंग हुई थी. आज सुबह 8 बजे से मतगणना जारी है. बंगाल की दो सीटों शमशेरगंज और जंगीपुर पर चुनाव नहीं हुआ था क्योंकि शमशेरगंज सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार और जंगीपुर सीट से आरएसपी उम्मीदवार का निधन हो गया था.


2016 में भी किसे कितनी सीटें
फिलहाल पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी सत्ता पर आसीन हैं. 2016 विधानसभा चुनाव में भी टीएमसी ने सबसे ज्यादा 211 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. वहीं कांग्रेस ने 44, लेफ्ट ने 26 और बीजेपी ने मात्र तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि अन्य ने दस सीटों पर जीत हासिल की थी. यहां बहुमत के लिए 148 सीटें चाहिए.


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