West Bengal CM Mamata Banerjee Delhi Visit: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी पांच दिनों के लंबे दौरे पर आज दिल्ली पहुंची. दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात के अलावा उनका विपक्ष के कई नेताओं से मिलने का भी कार्यक्रम है. 


दिल्ली पहुंचने के पहले ही ममता ने एक बड़ा राजनीतिक दांव चल दिया है. उन्होंने पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन लोकुर और कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की सदस्यता वाली दो सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का एलान किया. टीएमसी महासचिव और ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी का नाम भी इस जासूसी कांड में आया है. 


अपनी पांच दिन के दिल्ली प्रवास के दौरान ममता बनर्जी मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य के मसलों पर चर्चा के लिए मुलाक़ात करेंगी. मई में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद दिल्ली में दोनों नेताओं की पहली औपचारिक मुलाक़ात होगी. लेकिन सबकी नज़रें होंगी ममता बनर्जी की होने वाली राजनीतिक मुलाकातों पर. सूत्रों के मुताबिक़ ममता बनर्जी का विपक्ष के सभी बड़े नेताओं से मिलने का कार्यक्रम बन रहा है. कोशिश ये की जा रही है कि विपक्ष के सभी नेताओं के साथ एक बैठक भी आयोजित की जाए. हालांकि इस बैठक को लेकर पार्टी सूत्र फ़िलहाल अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं. 


दरअसल ममता बनर्जी के पिछले कुछ दिनों की सक्रियता और फ़ैसले देखें तो सवाल ये उठता है कि कहीं ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने लिए कोई राष्ट्रीय भूमिका तो नहीं देख रही हैं ? तीन दिनों पहले ही ममता बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल का अध्यक्ष बनाया गया है. साधारणतया ये पद पार्टी के किसी सांसद को ही दिया जाता है, जबकि ममता बनर्जी किसी सदन की सांसद नहीं हैं. 


वहीं तृणमूल कांग्रेस की ओर से हर साल 21 जुलाई को आयोजित होने वाले शहीद दिवस समारोह का रूप इस बार बदला बदला रहा. हर साल ये समारोह केवल बंगाल तक सीमित रहता था लेकिन इस बार कोलकाता में दिए गए ममता बनर्जी के भाषण का प्रसारण बंगाल के अलावा यूपी और गुजरात समेत 6 राज्यों के अलग अलग शहरों में किया गया. 


इतना ही नहीं, शहीद दिवस के दिन दिल्ली में हुए समारोह में तो तमाम विपक्षी नेताओं ने शिरकत की. इसमें कांग्रेस की ओर से पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह, एनसीपी से शरद पवार और सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव समेत आरजेडी, शिवसेना, अकाली दल, टीआरएस और डीएमके के नेता शामिल हुए. दिल्ली के कन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित समारोह में ममता बनर्जी के भाषण को सुनने के लिए पार्टी के सभी सांसद एकत्र हुए थे, लेकिन समारोह में चौंका दिया इन नेताओं की उपस्थिति ने. 


हालांकि ममता बनर्जी के राष्ट्रीय पटल पर सक्रिय होने को लेकर अभी से कुछ कहना थोड़ी जल्दबाज़ी होगी क्योंकि लोकसभा चुनाव में अभी क़रीब तीन साल का वक्त बचा है. वैसे उनका ये मानना ज़रूर है कि ममता बनर्जी पूरे विपक्ष को एक मंच पर लाने की कोशिश ज़रूर कर सकती हैं.



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