LeT Terrorist Arrested: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बारामूला में लश्कर-ए-तैयबा को हथियार आपूर्ति करने वाले मॉड्यूल के भंडाफोड़ के साथ एक सक्रिय आतंकवादी और पांच ओवरग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार करने का दावा किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में दो महिलाएं और एक किशोर भी शामिल है, जो सीमा पार से तस्करी के हथियारों को प्राप्त करने, परिवहन करने और वितरित करने का काम करते थे.


बारामूला में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बारामूला अमोग नागपुरे ने कहा कि ऑपरेशन दो सप्ताह की अवधि में चलाया गया. उन्होंने कहा कि ग्रेनेड और पिस्तौल सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है. सितंबर में उरी में दो संदिग्धों को हिरासत में लिए जाने के बाद गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हुआ.


24 घंटे में गिरफ्तार किया आतंकी
एसएसपी ने कहा कि 21 सितंबर को पुलिस को सूचना मिली कि जांबाजपोरा, बारामूला निवासी यासीन अहमद शाह नाम का एक शख्स अपने घर से लापता है और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर/टीआरएफ में शामिल हो गया है.


उन्होंने बताया कि 24 घंटे के भीतर, नाका चेकिंग के दौरान यासीन को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके कब्जे से 1 पिस्तौल, 1 मैगजीन और 8 जिंदा कारतूस सहित आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया.


कब्जे से बरामद हुआ भारी मात्रा में गोला-बारूद
उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान यासीन ने अपने दूसरे सहयोगी परवेज़ अहमद शाह के नाम का खुलासा किया, जिसके घर पर छापा मारा गया और उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया. उसके खुलासे पर उसके कब्जे से 2 हथगोले भी बरामद किए गए.


पुलिस अधिकारी ने बताया कि आगे की पूछताछ के दौरान दोनों से एक और पिस्तौल, मैगजीन और 8 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए और कुछ और गिरफ्तारियां की गईं. गिरफ्तार किए गए ओवरग्राउंड वर्कर्स में दो महिलाएं शामिल हैं, जिनकी पहचान निगीना और आफरीन के रूप में की गई है और उनके खुलासे पर उनके कब्जे से दो हथगोले बरामद किए गए.


पूछताछ में हुए बड़े खुलासे
वहीं मुदासिर अहमद राथर और शौकत अहमद मलिक के रूप में पहचाने गए दो और व्यक्तियों को बाद में गिरफ्तार किया गया और एक चीनी ग्रेनेड, एक पिस्तौल, पिस्तौल मैगजीन और 8 जीवित राउंड सहित अधिक हथियार बरामद किए गए. जांच से पता चला है कि यह आतंकवादी अपने 5 सहयोगियों के साथ पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशों पर काम कर रहा था. इसके साथ ही ज्यादा आतंकवादियों की भर्ती करने और बारामूला और आसपास के इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहा था.


इससे पहले 14 सितंबर को पुलिस ने परनपीलन ब्रिज उरी पर एक संयुक्त नाका चेकिंग के दौरान दो संदिग्ध व्यक्तियों को देखा, जो दाची से परनपीलन ब्रिज की ओर आ रहे थे और नाका पार्टी को देखते हुए भागने की कोशिश की, लेकिन चतुराई से उन्हें पकड़ लिया गया. उनकी तलाशी के दौरान उनके पास से दो ग्लॉक पिस्तौल, 4 मैगज़ीन, 2 साइलेंसर, 5 चीनी ग्रेनेड और 29 जिंदा कारतूस थे. उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया, जिनकी पहचान बाद में ज़ैद हसन मल्ला और मुहम्मद आरिफ चन्ना के रूप में की गई.


हथियारों की सप्लाई के मॉड्यूल का भंडाफोड़
दोनों आरोपी पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं के इशारे पर सीमा पार से हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लश्कर के आतंकवादियों को इसके वितरण में शामिल थे.


जांच के दौरान उन्होंने अपने सहयोगी का नाम अफ्तार अहमद लोहार निवासी सुरनकोट पुंछ बताया, जो लश्कर के आतंकवादियों को आपूर्ति करने के लिए बारामूला से पुंछ तक हथियार पहुंचाता था. अफ़तार को सुरनकोट में उसके घर से भी गिरफ्तार किया गया था और उसने हथियारों के परिवहन के लिए महिलाओं और किशोरों को लुभाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.


पुलिस का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी कई महिलाओं और किशोरों को आतंकी संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इस मामले में हथियारों की सप्लाई का रैकेट कश्मीर से पुंछ तक चला और अब पुलिस हथियारों की सप्लाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लिंक और रास्तों पर नज़र रख रही है. अभी और गिरफ्तारियां होने की संभावना है.


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