नई दिल्ली: देश में लोगों की पीट-पीट कर हत्या करने देने की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि हमें देश के बुनियादी सिद्धान्तों की रक्षा के प्रति सजग होना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों, बुद्धिजीवियों और मीडिया की सजगता ही पिछड़ेपन की ताकतों को रोक सकती हैं.

राष्ट्रपति मुखर्जी ने नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र को फिर से पेश किए जाने के अवसर पर नई दिल्ली के जवाहर भवन में आज आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, ''जब हम अखबारों में पढ़ते हैं या टीवी में देखते हैं कि कानून का पालन या पालन नहीं करने के कारण किसी व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या कर दी गई, जब भीड़ का उन्माद बहुत बढ़ जाता है, अनियंत्रित हो जाता है तो हमें थमकर इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या हम पर्याप्त रूप से सजग हैं. मैं चौकसी के नाम पर उपद्रव की बात नहीं कर रहा हूं. मैं बात कर रहा हूं कि क्या हम सक्रिय रूप से अपने देश के बुनियादी सिद्धान्तों की रक्षा के प्रति सजग हैं?''

राष्ट्रपति मुखर्जी कहा, ''हम इसे सहन नहीं कर सकते. मैं भी खुद से यह सवाल करता था जब मैं एक विद्यार्थी के रूप में इतिहास को पढ़ता था.'' उन्होंने कहा, ''निरंतर सजगता ही स्वतंत्रता का मूल्य है. यह सजगता कभी परोक्ष नहीं हो सकती. इसे सक्रिय होना चाहिए. निश्चित तौर पर सजगता इस समय की आवश्यकता है''.

राष्ट्रपति ने मीडियाकर्मियों और पत्रकारों से कहा कि उनका काम कभी खत्म नहीं होता. कभी खत्म नहीं हो सकता, क्योंकि मीडिया की वजह से लोकतंत्र का अस्तित्व बरकरार है. लोगों के अधिकार संरक्षित हैं, मानवीय गरिमा बरकरार है. गुलामी खत्म हुई है. उन्होंने कहा कि मीडिया को अपनी सजगता बरकरार रखनी होगी. राष्ट्रपति ने कहा, ''माफ करें मैं इस शब्द का बार बार इस्तेमाल कर रहा हूं क्योंकि मेरे पास कोई उपयुक्त वैकल्पिक शब्द नहीं है.''

समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक कंपनी के अध्यक्ष और कांग्रेस कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, कांग्रेस के विभिन्न वरिष्ठ नेता, मीडिया जगत की प्रमुख हस्तियां, प्रियंका गांधी सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे.