पश्चिम बंगाल विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को उस वक्त अजीबोगरीब दृश्य देखने को मिला, जब हाल ही में हुए निकाय चुनावों में कथित हिंसा के खिलाफ बीजेपी के विधायकों के विरोध प्रदर्शन के कारण राज्यपाल जगदीप धनखड़ अपना उद्घाटन अभिभाषण नहीं दे सके. इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़क गई और इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया. इसके बाद ममता ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की. 


सदन में बीजेपी विधायकों का हंगामा 


दोपहर 2 बजे सदन में पहुंचे राज्यपाल अपना अभिभाषण नहीं दे सके, क्योंकि बीजेपी विधायक निकाय चुनावों में हिंसा के कथित पीड़ितों की तस्वीरें और पोस्टर लेकर आसन के पास पहुंच गये और नारेबाजी करने लगे. धनखड़ ने दो बार बीजेपी विधायकों से आग्रह किया कि वे कार्यवाही शुरू होने दें, लेकिन बीजेपी सदस्य नहीं माने. प्रदर्शन कर रहे सदस्यों ने सदन में ‘जय श्रीराम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाये. 






राज्यपाल जैसे ही सदन से जाने लगे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने उनसे रुकने का आग्रह किया. इसके बाद धनखड़ ने एक बार फिर बीजेपी सदस्यों से शांत होने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन बीजेपी सदस्यों ने एक न सुनी. टीएमसी सदस्यों ने भी 2:26 बजे के बाद से बीजेपी विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिये. धनखड़ के साथ साथ विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने भी सदस्यों से सदन में कामकाज होने देने का आग्रह किया. हालांकि इसके बाद ममता बनर्जी ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की. 


बीजेपी पर बरसीं ममता बनर्जी 


बीजेपी के इस हंगामे के बाद ममता बनर्जी भड़क गईं और उन्होंने कहा, "हमने राज्यपाल से उनके अभिभाषण की कम से कम एक पंक्ति को पढ़कर सदन में रखने का आग्रह किया, उन्होंने हमारे अनुरोध को स्वीकार किया. बीजेपी ने आज बंगाल विधानसभा में जो किया वह लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है. बीजेपी संवैधानिक संकट पैदा करना चाहती थी. 


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