Waqf amendment bill: भारतीय संसद की वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने अपनी रिपोर्ट में आदिवासी क्षेत्रों की भूमि को वक्फ भूमि घोषित किए जाने का दावा करते हुए मामले पर गंभीर चिंता जताई है. साथ ही JPC ने सरकार से तुरंत सख्त कदम उठाने की मांग की है, जिससे आदिवासियों की भूमि और उनकी सांस्कृतिक पहचान पूरी तरह से सुरक्षित रहे.

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रिपोर्ट के पेज 405 और 406 में कहा गया है कि भारतीय संविधान के तहत आदिवासी भूमि को विशेष सुरक्षा दी गई है. पांचवी और छठी अनुसूचियों के तहत आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं, ताकि आदिवासियों की जमीन पर कोई अनाधिकृत कब्जा न हो. जेपीसी ने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि आदिवासी भूमि को किसी भी हालत में छीना नहीं जा सकता.

अदालतों में बढ़ते जा रहे मामले

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वहीं समिति ने रिपोर्ट में दावा किया है कि आदिवासी इलाकों की जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित करने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे आदिवासियों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को खतरा हो सकता है और यह मामला अब अदालतों में भी बढ़ता जा रहा है, जो इस संकट को और भी गंभीर बना रहा है.

नहीं हुई कार्रवाई तो बन सकता है बड़ा खतरा 

समिति ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो आदिवासी समुदायों के लिए यह एक बड़ा खतरा बन सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना संविधान की जिम्मेदारी है और इसे किसी भी हाल में कमजोर नहीं होने दिया जाना चाहिए. वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति ने रिपोर्ट में सरकार से सिफारिश की है कि वह आदिवासी भूमि को वक्फ भूमि घोषित के मामलों को रोकने के लिए तुरंत कठोर कानूनी कदम उठाए.  

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