Prayagraj Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद लगातार योगी सरकार की आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक दुख इस बात है कि इतने लोगों की मौत हो की खबर को छिपाकर रखा गया. सीएम योगी ने संत समाज के साथ धोखा किया, इस बात की पीड़ा बहुत ज्यादा है. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के योगी सरकार के प्रति मुखर होने को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा था कि वह राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर रहे हैं. अब इसको लेकर अविमुक्तेश्वरानंद ने जवाब दिया है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने न्यूज तक से बात करते हुए कहा कि जब महाकुंभ में इतनी बड़ी घटना हो गई और जो मुख्यमंत्री योगी के साथ हैं, उन्हें बचाने के लिए खड़े हैं, वो राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहते और हम उनके खिलाफ खड़े होकर क्या राजनीतिक लाभ ले लेंगे. हमको लेना होगा तो जो पार्टी बहुमत में हैं, जिस पार्टी का सीएम है, उसके पक्ष में जाकर राजनीतिक लाभ मिलेगा या जो विपक्ष में हैं और उनके आने की संभावना अभी दिख नहीं रही. उनसे हमको लाभ मिलेगा.
अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया फिलहाल कौन सत्ता में आएगा
इस दौरान शंकराचार्य ने मायावती की पार्टी बीएसपी, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, चंद्रशेखर आजाद की पार्टी एएसपीके, राजभर की पार्टी सुभासपा और ओवैसी की पार्टी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इन पार्टियों के फिलहाल सत्ता में आने की कोई संभावना नहीं दिख रही है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ये पार्टियां हमको राजनीतिक लाभ दे सकती हैं या योगी आदित्यनाथ हमको ज्यादा लाभ दे सकते हैं.
हमें कैसे मिलेगा राजनीतिक लाभ? अविमुक्तेश्वरानंद ने पूछा
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, "मानी हुई बात है. लाभ अगर हमको मिल सकता है तो योगी आदित्यनाथ से मिल सकता है. अगर हम राजनीतिक लाभ के लिए बोल रहे होते तो जैसे महाराज जी (रवींद्र पुरी) खड़े हैं, वैसे हम भी उन्हीं के बगल में जाकर खड़े हो जाते और कहते कि बड़ा अच्छा काम हो रहा है. लेकिन हमने ये नहीं किया. इसीलिए जब कोई आरोप लगाता है तो उसको देख लेना चाहिए कि मैं कहां खड़ा हूं."
क्या कभी सरकार की ओर से कहा गया ऐसे बयान मत दीजिए? शंकराचार्य ने बताया
जब शंकराचार्य से पूछा गया कि क्या आपसे सरकार की ओर से कभी कहा गया कि ऐसे बयान मत दीजिए तो उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा कभी नहीं हुआ. अगर बताने आते कि ये सच्चाई है तो अच्छा होता. उन्होंने कहा, "कोई व्यक्ति आता कि महाराज ये बात आपकी तथ्य विरुद्ध हो रही है ये हम तथ्य आपके सामने रख रहे हैं. हमको अच्छा लगता है कि ये तथ्य सामने रख रहे हैं. लेकिन वो तो कभी संवाद ही नहीं करते हैं. उनके लोग धमकी देते रहते हैं कि हम जान से मार देंगे. जब हम अपना श्राद्ध तर्पण कर ही चुके हैं तो संन्यासी को मरने से क्या डर है. मरने की धमकी उसको दो, अरे जिंदगी चली गई तो क्या होगा. हम तो हिंदू धर्म को मानने वाले हैं. संसार भोगने की बात हमारी बात ही खत्म हो चुकी है. दूसरी हमारे यहां पुनर्जन्म है. मुक्ति नहीं हुई तो हमें अच्छी जगह जन्म मिल जाएगा."