वक्फ संशोधन विधेयक 2025 लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया है. इसके पास होने के बाद से ही देश के अलग अलग हिस्सों में हिंसा देखने को मिल रही है. बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में इस विधेयक के विरोध में प्रदर्शन तेज हो गए हैं. मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने इस विधेयक को संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताते हुए अलग-अलग मंचों पर विरोध जताया है.

बिहार में विरोध

बिहार विधानसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्षी विधायकों ने जोरदार हंगामा किया. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और वाम दलों के विधायकों ने इस बिल को असंवैधानिक बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वक्फ की संपत्तियों का उपयोग स्कूल, कॉलेज और सरकारी इमारतों के निर्माण में कर चुके हैं, लेकिन अब इस बिल पर चुप्पी साधे हुए हैं.

इसी क्रम में, पटना में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में बिहार, उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों ने वक्फ संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की. उन्होंने इसे मुसलमानों के मौलिक और धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया. 

पश्चिम बंगाल में विरोध

बीते दिनों पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प देखने को मिल रही है. वहीं 9 अप्रैल को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी. इस राज्य में ऐसी तनाव की स्थिति देखते हुए सीएम ममत बनर्जी ने ऐलान किया है कि वो राज्य में इस अधिनियम को लागू नहीं करेंगी.

इस राज्य में आज मुस्लिम संगठनों ने कई अलग अलग बैठकें आयोजित की है. जिसमें इस विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी. प्रदर्शनकारियों ने इसे संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है. 

मध्य प्रदेश में विरोध

मध्य प्रदेश में भी वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं. मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने राज्य सरकार से इस विधेयक पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. प्रदर्शनकारियों ने इसे मुसलमानों के अधिकारों पर हमला बताते हुए इसे वापस लेने की अपील की है.

भोपाल में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आज बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य आरिफ मसूद नेतृत्व करेंगे. यह प्रदर्शन वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने के खिलाफ है, जिसे कई मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दल असंवैधानिक मानते हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस कानून से मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति अधिकारों का उल्लंघन होगा.