नई दिल्ली: इस वक्त कोरोना वायरस का प्रकोप पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में कोरोना वायरस से जुड़ी कुछ फेक न्यूज भी सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही हैं. आज हम एक ऐसी ही न्यूज की पड़ताल करेंगे, जो इस वक्त सोशल मीडिया पर हर तरफ देखने को मिल रही है. दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक महिला अपने बच्चे को सीने से लगाए नजर आ रही है. सोशल मीडिया पर ऐसा दावा किया जा रहा है कि महिला कोरोना संक्रमित है और अपनी ज़िंदगी के आखिरी समय में अपने बच्चे को गले लगा रही है.
इस इमोनशनल तस्वीर को देख लोग इसे सोशल मीडिया पर जमकर शेयर कर रहे हैं. फोटो पर ये कैप्शन लिखकर इसे शेयर किया जा रहा है, ''इटली की महिला कोरोना की तीसरी ओर आखिरी स्टेज में थी, सामने उसका 18 महीने का बच्चा जो बहुत रो रहा था, उसने अपनी आखिरी इच्छा डाक्टरों से जाहिर की. वो अपने बच्चे को एक बार गले लगाना चाहती हैं!.'' लेकिन जब हमने पड़ताल की तो पाया कि ये दावा पूरी तरह झूठा है. तस्वीर वास्तव में 1985 की है और कोरोनो वायरस महामारी से इसका कोई लेना-देना नहीं है.
यह फोटो अमेरिकी फोटोग्राफर बर्ट ग्लेन (Burt Glinn) ने अमेरिका के सिएटल में फ्रेड हचिंसन कैंसर सेंटर में ली थी. यह बच्चा लैमिनर एयरफ्लो रूम में है, जिसके चलते मां ने ये सुरक्षा पोशाक पहनी हुई है. इसके अलावा, फोटो को एडिट कर झुका दिया गया है. असल फोटो में महिला बैठी नजर आ रही हैं.
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 23452 हो गई है. वहीं, इस संक्रमण की चपेट में आने से अब तक 723 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 4813 लोग ठीक हो गए हैं.
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