भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को खूब फटकार लगाई है. गुरुवार (15 मई, 2025) को नए मुख्य न्यायाधीश भूषण रामाकृष्ण गवई (CJI BR Gavai) ने उनसे कहा कि उन्हें संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जाकर माफी मांगें.
सीजेआई ने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा बयान कैसे दे सकता है? कोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मामले में हस्तक्षेप से भी इनकार कर दिया और एफआईआर पर रोक से साफ मना कर दिया है. सीजेआई ने कहा कि हम जानते हैं कि कुछ नहीं होगा सिर्फ इसलिए कि आप एक मंत्री हैं, लेकिन इस पद पर होने के नाते आपको जिम्मेदारी के साथ बयान देना चाहिए.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार विजय शाह की तरफ से एडवोकेट विभा दत्ता मखीजा ने दलील दी और कहा, 'याचिकाकर्ता ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और उनके बयान के गलत मायने निकाले गए. मीडिया ने इसे बहुत बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया. हम एफआईआर पर रोक लगाने की अपील करते हैं.' हालांकि, कोर्ट ने एफआईआर पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया और कहा कि इसके लिए हाईकोर्ट जाएं और माफी भी मांगें.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए डीजीपी को चार घंटे के अंदर विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था. कोर्ट के आदेश पर बुधवार शाम को विजय शाह पर एफआईआर दर्ज कर दी गई, जिसे विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. हालांकि, कोर्ट ने एफआईआर को लेकर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है.
सीजेआई ने विजय शाह को फटकार लगाते हुए कहा कि वह संवैधानिक पद पर हैं, उन्हें जिम्मेदारी के साथ कोई बात कहनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'जब देश ऐसी स्थिति से गुजर रहा है, आपको पता होना चाहिए कि आप क्या बोल रहे हैं. सिर्फ इसलिए कि आप एक मंत्री हैं तो...' सीजेआई गवई ने कहा कि मामले पर सुनवाई शुक्रवार को हेगी. उन्होंने कहा कि विजय शाह जानते हैं वह कौन हैं. हमें पता है कि कुछ नहीं होगा, सिर्फ इसलिए कि वह एक मंत्री हैं.
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