Vice President on Bharat Ratna Award: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव, कर्पूरी ठाकुर और लालकृष्ण आडवाणी और स्वामीनाथन को भारत रत्न मिलने पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, "इस पद (उपराष्ट्रपति) पर रहते हुए जब मुझे पता चला कि भारत के पांच सपूतों को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (भारत रत्न) दिया जा रहा है, तो मैं नई ऊर्जा से भर गया. पूरा देश और दुनिया इन लोगों को जानती है."


न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि "चौधरी चरण सिंह का पूरा जीवन गांवों और किसानों के लिए समर्पित था... उन्होंने इमरजेंसी के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपने सिद्धांतों पर ही अड़े रहे. यकीन मानिए, देश के करोड़ों लोगों को आज चैन की नींद आएगी. वे सोच रहे थे कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, लेकिन आज जब उन्हें सम्मान दिया गया है तो दिल को तसल्ली होती है, मन पर प्रभाव पड़ता है और एक नया उत्साह मिलता है कि मैं देश का नागरिक हूं. वह देश जहां यह कदम उठाया गया है."


'राज्यसभा के सदस्यों के साथ शेयर की जानकारी'
उपराष्ट्रपति ने ये भी बताया कि जब पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की खबर उन्हें मिली तो उन्होंने इसे राज्यसभा सदस्यों के साथ साझा किया. वह कहते हैं, ''व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए इससे बड़ी उपलब्धि कोई नहीं हो सकती कि भारत का उपराष्ट्रपति और एक किसान का बेटा होने के दौरान जब मुझे इसकी जानकारी मिली तो बिना समय बर्बाद किए मैंने इसे सदस्यों के साथ साझा किया.'' राज्यसभा, सदन में सभी वर्गों की ओर से किए गए स्वागत से मैं अभिभूत हूं..."


'आज रोजगार में किसानों के बच्चे बहुत आगे'
उपराष्ट्रपति ने चौधरी चरण सिंह के बारे में बताया कि, "वह किसानों से कहा करते थे- अर्थव्यवस्था में योगदान देने के अलावा किसान भारत की राजनीति की रीढ़ भी हैं. आज मुझे खुशी है. जब रोजगार की बात आती है तो किसानों के बच्चे बहुत आगे हैं. गांवों में इतना बदलाव आया है. एक तरह से चौधरी साहब के सपने आज साकार हो रहे हैं. इतनी बड़ी शख्सियत का इतना बड़ा सम्मान, वो भी ऐसे दौर में जब भारत अपने अमृत काल में है. ऐसे लोगों का सम्मान करना हम सभी के लिए बड़ी बात है''






'पीएम को धन्यवाद देना चाहिए'
जगदीप धनखड़ ने कहा, ''पहले की सरकारों को इन लोगों को पुरस्कार देना चाहिए था. मौजूदा सरकार के इस कदम के लिए सरकार और पीएम को धन्यवाद देना चाहिए - भारत रत्न का सम्मान बढ़ा है. पहले जब पद्म पुरस्कार दिए जाते थे तो कैसा माना जाता था, लेकिन आज जब पद्म पुरस्कार दिए जाते हैं तो लोग एक स्वर में कहते हैं, "सही मिला". चौधरी चरण सिंह को इतनी देरी से भारत रत्न मिलने का थोड़ा दुख होता है, लेकिन आज वो दर्द कम हो गया है."


'किसानों की प्रगति के पीछे स्वामीनाथन का ही हाथ'
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वामीनाथन को भी भारत रत्न मिलने पर बात की. उन्होंने कहा, "एमएस स्वामीनाथन को देखिए, हमने वह युग देखा है जब देश में गेहूं का आयात किया जाता था... उन्होंने एक क्रांति ला दी है. नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, उन्हें एक विद्वान-राजनेता कहा जाता था. जहां तक अर्थव्यवस्था का सवाल है, स्वामीनाथन के पास किसानों के लिए एक बड़ा विचार था. मैं किसानों से कहना चाहता हूं कि आज जो प्रगति हो रही है, उसका केंद्र बिंदु वे ही हैं. हर गांव में सड़क बनने से किसानों को फायदा होता है. अगर किसान सकारात्मक मानसिकता के साथ आगे बढ़ें, तो वे अर्थव्यवस्था का और भी महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएंगे."


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