अहमदाबाद: गुजरात में देश-विदेश के निवेशकों को लुभाने के लिए इस साल की जनवरी में भी वाइब्रेंट गुजरात समिट का आयोजन किया जाना है. जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात का 9वां सम्मेलन होना है. लेकिन उससे पहले ही ये विवादों में आ गया है और विवाद की वजह पाकिस्तान है.


वाइब्रेंट समिट के लिए पाकिस्तान को भी न्योता भेजा गया है, जिसे उसने स्वीकार करते हुए 7 लोगों का डेलीगेशन भेजने पर सहमति जताई है. इसी पर कांग्रेस ने गुजरात सरकार को घेर लिया है. कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं कि जो पकिस्तान आए दिन सरहद पर आंतकी हमले करता रहता है और जो हमारे जवानों की हत्या करता है, उसको न्योता क्यों दिया गया? वहीं इस मामले में गुजरात चेंबर ऑफ कॉमर्स का कोई सीधी बात नहीं कर रहा और मामले को गोल-गोल घुमा रहा है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने गुजरात के विकास के लिए इस समिट की शुरुआत की थी. इस समिट में कई विदेशी व्यापार डेलिगेशन हिस्सा ले रहे है और उनमें ही पकिस्तान का एक डेलिगेशन भी हिस्सा ले सकता है. इसे लेकर अब कांग्रेस समेत कई लोगों ने हमला बोल दिया है. दरअसल 2012-13 में भी पाकिस्तान को न्योता दिया गया था. लेकिन उस समय सरहद पे 2 भारतीय जवानो की मौत के बाद पाक डेलिगेशन को वापस भेज दिया गया था.


लेकिन फिर से पाकिस्तान को न्योता भेजने पर कांग्रेस ने कई सवाल उठाये हैं. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी पाकिस्तान को आंखें दिखाने की बात कहती थी और आज उनकी सरकार केंद्र-राज्य दोनों जगहों पर है. क्या पाकिस्तान के बिना व्यापार या वाइब्रेंट समिट नहीं हो सकता? जीआईडीसी के वाइस चेरयमैन डी थारा ने मामले पर कुछ भी कहने से मना किया और बताया की ये सब गुजरात चैंबर ऑफ़ कॉमर्स को पता है.

पाकिस्तान को न्योता भेजने वाले गुजरात चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के प्रमुख वसा ने बताया कि वो हर साल मध्यम उद्योग के लिए अलग-अलग देश को न्योता भेजते हैं. इसी तर्ज पर इस साल की समिट के लिए 285 देश को न्योता भेजा गया था जिनमें से 53 देशों ने इसे स्वीकार किया है. मगर पकिस्तान को न्योता देने से विवाद बढ़ता जा रहा है. वो आगे कहते हैं कि पकिस्तान ने इंट्रेस्ट दिखाया है लेकिन वो अभी शॉट लिस्ट कर रहे है.


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