नवरात्रि और गरबा के कार्यक्रमों में केवल हिंदुओं की सहभागिता और एंट्री सुनिश्चित करने के लिए विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने नए नियमों के फरमान जारी कर दिए हैं. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कहा कि गरबा कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को प्रवेश से पहले तिलक लगाना होगा, रक्षा सूत्र बांधना होगा और हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करनी होगी.

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महाराष्ट्र के नागपुर में VHP के विदर्भ प्रांत के महासचिव प्रशांत तितरे ने शनिवार (20 सितंबर, 2025) को कहा कि इसके अलावा सभी प्रतिभागियों पर गौमूत्र भी छिड़का जाएगा. उन्होंने कहा कि वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता गरबा पंडालों में निगरानी भी करेंगे, ताकि रविवार (21 सितंबर, 2025) से 1 अक्टूबर, 2025 तक मनाया जाने वाला नवरात्र उत्सव इन सभी नियमों का पालन किया जाए.

VHP ने दावा करते हुए कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि सिर्फ हिंदू धर्म के लोग ही गरबा कार्यक्रमों में शामिल हों और ‘लव जिहाद’ जैसी घटनाओं से बचा जा सके. हर साल नवरात्र से पहले इस मुद्दे को लेकर कई कदम उठाए जाते हैं.

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गरबा सिर्फ नृत्य नहीं, देवी को खुश करने का धार्मिक अनुष्ठान है- नायर

विश्व हिंदू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘गरबा सिर्फ नृत्य नहीं है, बल्कि देवी को खुश करने का एक धार्मिक अनुष्ठान है. वे (मुस्लिम समुदाय की ओर संकेत) मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखते है. इन कार्यक्रमों में सिर्फ वही भाग लें, जो इन सभी अनुष्ठानों में आस्था रखते हैं.’

विपक्ष और सरकार ने मामले पर दी प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने विश्व हिंदू परिषद (VHP) और संघ परिवार पर समाज में विभाजन फैलाने का आरोप लगाया. वहीं, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, ‘हम आयोजन समिति अपने नियम तय कर सकती है. अगर उन्हें कार्यक्रम के आयोजन के लिए पुलिस से अनुमति मिल चुकी है, तो फिर कोई दिक्कत ही नहीं है.’

जबकि भाजपा के मीडिया प्रमुख नवनाथ बान ने कहा, ‘गरबा एक हिंदू आयोजन है और दूसरे धर्मों के लोगों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.’

VHP के नियमों पर विफरे संजय राउत

शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, ‘यह देश के अंदर एक सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश है. इस तरह का सांप्रदायिक माहौल बनाना ही उनकी रोजी-रोटी है. मैं सभी धर्मों के समान सम्मान की बात नहीं कर रहा, लेकिन जिस तरह का जहर फैलाया जा रहा है, वह महाराष्ट्र और देश के लिए सही नहीं है.’

वहीं, कांग्रेस ने और कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, ‘बीजेपी से जुड़े संगठन सत्ता पाने या बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. उनका मकसद देश को और अधिक बांटना है और धर्म के नाम पर राजनीति करना है. महाराष्ट्र की ताकत हमेशा विविधता में एकता की रही है, उसे कमजोर नहीं किया जाना चाहिए.’

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