कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार (20 सितंबर, 2025) को संकेत दिया कि जाति सर्वेक्षण से ईसाई उप-जातियों वाला कॉलम हटा दिया गया है. सिद्धारमैया ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा पर इस मामले का ‘राजनीतिकरण’ करने का आरोप लगाया.

Continues below advertisement

ईसाई उपजाति श्रेणी को लेकर भ्रम की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इसे अब हटा दिया गया है.’ स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘मैंने इसे नहीं हटाया है. पिछड़ा वर्ग आयोग एक वैधानिक निकाय है. हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते और इसे निर्देश नहीं दे सकते. हमने इसे दिशानिर्देश मुहैया कराए हैं और उन्हें इनके अनुसार काम करने को कहा है.’

राज्यपाल ने पत्र लिखकर सिद्धारमैया से पुनर्विचार का किया आग्रह

Continues below advertisement

एक प्रश्न के उत्तर में सिद्धारमैया ने कहा कि राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उन्हें भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सौंपा गया पत्र भेजा है. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को आगामी जाति सर्वेक्षण में ‘कुंबारा क्रिश्चियन’, ‘कुरुबा क्रिश्चियन’ जैसे जातीय नामों के साथ ईसाई पहचान जोड़े जाने को लेकर सचेत किया है.

उन्होंने कहा कि इससे राज्य की सामाजिक संरचना को ‘सामाजिक अशांति, दीर्घकालिक जटिलताएं और अपूरणीय क्षति’ हो सकती है. राज्यपाल ने 16 सितंबर को सिद्धारमैया को लिखे अपने पत्र में इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया.

जाति जनगणना केंद्र की साजिश

कांग्रेस पर जातियों को बांटने के भाजपा के आरोप पर सिद्धारमैया ने कहा, ‘हम जातियां कहां बांट रहे हैं? सरकार को आपकी सामाजिक-शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति पता होनी चाहिए. बिना इसे जाने हम आपके लिए नीतियां कैसे बना सकते हैं?’

पंचमसाली जगद्गुरु वचनानंद स्वामीजी की ओर से इस सर्वेक्षण को एक साजिश बताए जाने के सवाल पर सिद्धारमैया ने आश्चर्य जताया कि क्या केंद्र की ओर से जाति जनगणना कराना भी एक साजिश मानी जा सकती है.

ये भी पढ़ें:- एस्टोनिया के एयरस्पेस में घुसपैठ के आरोपों पर रूस बोला- 'अंतरराष्ट्रीय नियमों का किया पालन'