Uzbekistan Cough Syrup Deaths' Claim: उज्बेकिस्तान में कुछ बच्चों की कथित तौर पर एक भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक के तरफ से निर्मित खांसी की दवा पीने से हुई मौत के मामले में, भारत में सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन ने जांच शुरू कर दी है. उज्बेकिस्तान ने दावा किया है कि इन बच्चों ने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक की तरफ से निर्मित खांसी के सिरप ‘डॉक-1 मैक्स’ को पीने से हुई थी. भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक की तरफ से बनाई गई खांसी की दवाई Dok1 Max के संबंध में उज्बेकिस्तान से रिपोर्ट आई है.


रिपोर्ट में दवा को लेकर उज्बेकिस्तान का दावा है कि कफ सिरप दूषित और ठीक नहीं है. इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पूरे मामले को देख रहा है. वही इस बारे में सूचना मिलते ही यूपी ड्रग कंट्रोल और सीडीएससीओ (CDSCO) की टीम ने मैन्युफैक्चरर मैरियन बायोटेक के नोएडा फैसिलिटी का संयुक्त निरीक्षण किया और निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.


मैरियन बायोटेक एक लाइसेंस प्राप्त निर्माता है और ड्रग्स कंट्रोलर, उत्तर प्रदेश के तरफ से निर्यात उद्देश्य के लिए डॉक1 मैक्स सिरप और टैबलेट के निर्माण के लिए लाइसेंस रखता है. कफ सिरप के नमूने निर्माण परिसर से लिए गए हैं और परीक्षण के लिए क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला (आरडीटीएल), चंडीगढ़ भेजे गए हैं.


जांच के लिए स्वास्थ्य मंत्री का निर्देश


खुद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के निर्देशों के बाद सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) 27 दिसंबर से इस मामले को लेकर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय दवा नियामक के नियमित संपर्क में है. दो दिन पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स की जांच शुरू की है.


इस जांच में स्टेट ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन भी सीडीएससीओ के साथ होगा. इस ड्रग रेगुलेशन का उद्देश्य देश में उपलब्ध दवाओं की सुरक्षा, एफिकेसी और क्वालिटी सुनिश्चित करना है. ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन को ये सुनिश्चित करेगा की ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम 1940 और नियमों का पालन कर रही है, खासकर गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस का.


सीडीएसीओ ने निरीक्षण किया शुरू


सीडीएसीओ ने रिस्क बेस्ड एप्रोच पर स्टेट ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन के साथ चिन्हित ड्रग मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का संयुक्त निरीक्षण करना शुरू कर दिया है. मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार पूरे देश में संयुक्त निरीक्षण किए जा रहे हैं. इसके लिए पूरे देश में कहां-कहां जांच करनी है, इसके लिए पहले से प्लान तैयार कर लिया गया था.


निरीक्षण, रिपोर्टिंग और बाद की कार्रवाई की प्रक्रिया की निगरानी के लिए सीडीएससीओ (मुख्यालय) में दो संयुक्त औषधि नियंत्रकों की एक समिति गठित की गई है ताकि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम, 1940 और उसके नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि देश में निर्मित दवाओं के संबंध में गुणवत्ता अनुपालन के हाई स्टैंडर्ड को सुनिश्चित किया जा सके.


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