Uttarkashi Tunnel Rescue Operation Successful: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चारधाम मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में चलाए गए बचाव अभियान में योगदान देने वाले अधिकारियों और अन्य लोगों ने भी मिशन की सफलता पर खुशी बयां की है. उन्हीं में से एक स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ और बचाव अभियान के सदस्यों में शामिल रहे साइरिएक जोसेफ ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि यह मानवता के लिए युद्ध था.


स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी का रिएक्शन


साइरिएक जोसेफ ने कहा, ''(बचाव अभियान) मुश्किल ही नहीं, एक वॉर (युद्ध) था. ये मानवता के लिए युद्ध था. वास्तव में 41 लोगों को बचाने के मिशन था, ऐसे मिशन का हिस्सा बनकर खुश हूं. ऐसे मिशन में जब हमको काम करने को मिला तो संकट को देखते हुए सब लोग अपनी-अपनी तकनीक लेकर आए, खुशी की बात है कि बचाव अभियान को बहुत महत्व दिया गया...''






अभियान के सफलता के बाद एनडीआरएफ कर्मियों ने केक काटकर जश्न मनाया. न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें एनडीआरएफ के जवान केक काटकर खुशी मनाते हुए दिख रहे हैं.






श्रमिकों को बचाने के लिए सुरंग के अंदर गए एनडीआरएफ के एक जवान ने कहा, ''जैसे मैं वहां गया तो मेरे अंदर इतना जज्बा था, इतनी खुशी थी कि मैं अंदर जा रहा हूं, पूरे अभ्यास और पूरे जोश के साथ गया था. जैसे में टनल में पहुंचा वैसे ही जो वहां लोग खड़े थे, उन लोगों की एक ही पुकार थी कि एनडीआरएफ की जय हो और इतनी खुशी थी कि वो सोच रहे थे कि हमारे पास बंदा पहुंच चुका है, हमारी सहायता के लिए...''






एनडीआरएफ के डीआईजी ये बोले


एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहिदी ने कहा, ''फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाना अपने आप में एक चुनौती थी... अंतिम हस्तक्षेप NDRF और SDRF का संयुक्त अभियान था... बचाव अभियान में कई एजेंसियां ​​शामिल थीं... उचित समन्वय के कारण यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक हुआ.."


'मैं जब भी बर्थडे मनाऊंगा तो ये सीन मुझे याद आएगा...'


श्रमिकों के बाहर आने पर जश्न मना रहे एनडीआरएफ जवानों में से एक डॉ शैलेश कुमार चौधरी ने कहा, ''मैं सभी को बधाई देना चाहता हूं क्योंकि श्रमिकों को सफलतापूर्वक बचाया गया है. जब भी मैं अपना जन्मदिन मनाऊंगा, मुझे यह दृश्य और यह बचाव अभियान याद आएगा...''


गढ़वाल मंडल के स्वास्थ्य निदेशक डॉ प्रवीण कुमार ये बोले


गढ़वाल मंडल के स्वास्थ्य निदेशक डॉ प्रवीण कुमार ने कहा, ''हमारे स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री लगातार सुरंग स्थल पर मौजूद थे. पहले दिन से हमारी टीमें उनका मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रही थीं और फंसे हुए श्रमिकों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रही थीं." उन्होंने कहा, ''यही कारण है कि बचाए जाने के बाद श्रमिक अच्छी मानसिक स्थिति में हैं. श्रमिकों को कोई बड़ी बीमारी नहीं हुई. श्रमिकों को लगातार पानी, जूस, भोजन उपलब्ध कराया गया..."


सीएम धामी ने किया श्रमिकों का स्वागत


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह मौके पर श्रमिकों के स्वागत के लिए पहुंचे थे. जैसे ही श्रमिक बाहने आने शुरू हुए, सीएम धामी ने उन्हें माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया. उन्होंने श्रमिकों को गले भी लगाया. 


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में सीएम धामी ने कहा, ''श्रमिकों और उनके परिजनों के चेहरे की खुशी ही मेरे लिये इगास-बगवाल.. हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में निर्माणाधीन टनल में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. सभी श्रमिक भाइयों का अस्थाई मेडिकल कैम्प में प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.''


सीएम धामी ने पीएम मोदी का जताया आभार


सीएम धामी ने मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, ''आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में संचालित इस चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी ताकत से जुटी केंद्रीय एजेंसियों, सेना, अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट्स और प्रदेश प्रशासन की टीमों का हृदयतल से आभार.''


उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री जी से हम सभी को एक अभिभावक के रूप में मिले मार्गदर्शन और कठिन से कठिन स्थिति में उनके द्वारा प्रदान की गई हर संभव सहायता, इस अभियान की सफलता का मुख्य आधार रही. 17 दिनों बाद श्रमिक भाइयों का अपने परिजनों से मिलना अत्यंत ही भावुक कर देने वाला क्षण है.''


...ऑपरेशनल, प्रोफेशनल और मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाया गया- NDMA सदस्य


श्रमिकों को बचाए जाने के बाद, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन ने कहा कि केंद्र की ओर से एक बहुत ही ऑपरेशनल, प्रोफेशनल और मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाया गया जिससे बचाव में सफलता मिली.


यह भी पढ़ें- Uttarkashi Tunnel Rescue: सुरंग से निकले मजदूर, पहले गए अस्पताल, कब तक पहुंचेंगे अपने घर, जानें क्या होगा आगे?