उत्तराखंड में त्रिवेन्द्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से मंगलवार को इस्तीफे के बाद नए सीएम पद को लेकर बुधवार की सुबह 10 बजे पार्टी दफ्तर में बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में राज्य के नए मुख्यमंत्री का ऐलान किया जाएगा. हालांकि, नए सीएम के शपथ ग्रहण का दिन बेहद खास रखा गया है. 11 मार्च को महाशिवरात्रि है और उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी इसी दिन सुबह 11 बजे रखा गया है.


क्यों है महाशिवरात्रि खास


उत्तराखंड को 'देवभूमि' भी कहा जाता है. जाहिर है बीजेपी महाशिवरात्रि के शुभ मौके पर राज्य का नेतृत्व नए चेहरे के हाथ में देने जा रही है. पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का दिन बेहद खास होता है. भगवान शिव का महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजा अर्चना होती है. वैसे तो हर महीने शिवरात्रि आती है लेकिन फाल्गुन महीने की चतुर्दशी को आने वाली महाशिवरात्रि का खास महत्व मना जाता है. यह महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है.


एक साल बाद राज्य में विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में जिस नए चेहरे को राज्य की कमान सौंपी जाएगी उनके ऊपर ना सिर्फ पार्टी को एकजुट रखने और बागियों को मनाने की चुनौती होगी बल्कि अगले चुनाव को लेकर अभी से सियासी समीकरण बनाने की जिम्मेदारी भी रहेगी.


त्रिवेन्द्र रावत बोले- इस्तीफे का फैसला सामूहिक


इससे पहले, उत्तराखंड के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह सामूहिक निर्णय है और इसके अच्छे जवाब के लिए आपको दिल्ली आना पड़ेगा. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा- मैं लंबे समय से राजनीति में काम कर रहा हूं. चार साल से पार्टी ने मुझे सीएम के तौर पर सेवा करने का मौका दिया. एक छोटे से गांव में जन्म लिया और पार्टी में सीएम बना. एक छोटे से गांव में जन्म लिया. कभी कल्पना भी नहीं की थी कि पार्टी इतना बड़ा सम्मान देगी.


त्रिवेन्द्र रावत ने आगे कहा- पार्टी ने विचार किया और संयुक्त रूप से यह निर्णय लिया है कि अब सीएम का मौका किसी और को दिया जाना चाहिए. चार साल होने में 9 दिन बच गए ते. मैं अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंपकर आया हूं.


अजय भट्ट बोले- केन्द्रीय नेतृत्व तय करेगा निर्णय


उधर, नैनिताल से बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने कहा - जो भी निर्णय होगा, वो केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा. जबकि, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा- "उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदल कर बीजेपी ने 2022 से पहले ही हार मान ली है. 4 साल में बीजेपी एक भी ऐसा काम नहीं कर सकी जिसके दम पर दोबारा वोट माँगने जा सकें. चेहरा बदल कर नकारेपन को छुपाया जा रहा है. बीजेपी को उत्तराखंड की जनता के 4 साल ख़राब करने के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए."


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