SOP For Funeral: हाथरस कांड (Hathras Case) के बाद गृह विभाग की ओर से अंतिम संस्कार (Funeral) को लेकर एसओपी (Standard Operating Procedure) जारी की गई है. इस एसओपी के तहत सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार किया जाएगा. एसओपी के तहत अब डीएम की इजाजत के बगैर रात को अंतिम संस्कार नहीं हो सकेगा. 


विवादित मामलों में दो स्तरीय समिति बनाकर अंतिम संस्कार कराने के निर्देश दिए गए हैं. एसओपी के मुताबिक, पहली समिति में गांव व मोहल्ले के लोग होंगे. दूसरी समिति में एसडीएम और सीओ रहेंगे. इसी के साथ उत्तर प्रदेश में अब शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी गई है. एसओपी में कहा गया है कि अगर परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया तो कार्रवाई की जाएगी.


अंतिम संस्कार की होगी वीडियोग्राफी


एसओपी रात में किसी शव का अंतिम संस्कार करने के लिए परिजनों की अनुमति चाहिए होगी. विवादित मामलों में अंतिम संस्कार की शुरू से लेकर आखिरी तक वीडियोग्राफी की जाएगी. शव का पोस्टमॉर्टम हाउस से लेकर अंतिम क्रिया होने तक प्रशासनिक अधिकारियों के बीच भेजे जाने वाले समस्त माध्यमों के संदेश एक साल तक सुरक्षित भी रखे जाएंगे.


इस का भी रखना होगा विशेष ध्यान


स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के मुताबिक परिजन अब किसी भी संगठन या समूह के जरिए शव को रास्ते में नहीं रख सकते हैं. जैसे ही बॉडी परिजनों को सौंपी जाएगी उसके लिए लिखित रूप में सहमति ली जाएगी कि वह सीधा शव को पोस्टमॉर्टम हाउस से अपने घर लेकर जाकर रीति रिवाज करने के बाद अंतिम संस्कार के लिए ले जाएंगे.


एसओपी के अनुसार दाह-संस्कार परिजनों द्वारा ही किया जाएगा. शव लेने से मना करने पर, देरी या अन्य कारणों से शव के खराब होने की स्थिति में पहले तो परिवार को समझाने का प्रयास किया जाएगा और बात न मानने की स्थिति में पांच प्रतिष्ठित व्यक्तियों का समूह बनाया जाएगा. इसके बाद मृतक के समुदाय के व्यक्ति को शामिल किया जाएगा और पंच बनाकर पंचनामा तैयार किया जाएगा. 


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