Antony Blinken India Visit: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 27 और 28 जुलाई को दो दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं. यह अमेरिकी विदेश मंत्री के तौर पर एंटनी ब्लिंकेन की पहली यात्रा होगी. इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार की शाम को कहा कि एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा उच्च स्तरीय वार्ता जारी रखने, भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का एक अवसर है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत यात्रा के दौरान 28 जुलाई को विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे.


अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि नई दिल्ली की अपनी यात्रा के अलावा, ब्लिंकन 26 से 29 जुलाई तक अपनी विदेश यात्रा के दौरान कुवैत शहर की भी यात्रा करेंगे. प्राइस ने कहा है कि उनकी आगामी यात्रा साझेदारी को मजबूत करने और उनकी साझा प्राथमिकताओं पर सहयोग को रेखांकित करने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है. प्राइस ने कहा, ‘‘नई दिल्ली में 28 जुलाई को, ब्लिंकन विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. इस दौरान कोविड-19 से निपटने के प्रयासों पर निरंतर सहयोग, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, साझा क्षेत्रीय सुरक्षा हितों, साझा लोकतांत्रिक मूल्य और जलवायु संकट सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी.’’


उन्होंने कहा, ‘‘ब्लिंकन 28 जुलाई को कुवैत की यात्रा करेंगे जहां वह वरिष्ठ कुवैती अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे ताकि प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा जारी रखी जा सके जो हमारे 60 वर्षों के राजनयिक संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हैं.’’ ब्लिंकन 29 जुलाई को वाशिंगटन वापस लौटेंगे.


इस यात्रा का मुख्य जोर इस साल के अंत में वाशिंगटन में क्वाड समूह के नेताओं की भौतिक मौजूदगी में एक शिखर सम्मेलन के लिए आधार तैयार करना होगा. क्वाड में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं. अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ समूह के प्रति वाशिंगटन की प्रतिबद्धता के बारे में एक मजबूत संकेत देने के लिए क्वाड के नेताओं की भौतिक मौजूदगी में एक शिखर सम्मेलन को आयोजित करने पर विचार कर रहा है.


जनवरी में बाइडन प्रशासन के सत्ता में आने के बाद ब्लिंकन भारत आने वाले इसके दूसरे उच्च पदस्थ अधिकारी होंगे. अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए मार्च में भारत की तीन दिवसीय यात्रा की थी. ऑस्टिन की भारत यात्रा भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के क्वाड समूह के शीर्ष नेतृत्व द्वारा राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा आयोजित एक डिजिटल शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोग का विस्तार करने की प्रतिबद्धता जताये जाने के कुछ दिनों बाद हुई थी.


चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति प्रमुख वैश्विक शक्तियों के बीच एक प्रमुख चर्चा का विषय बन गई है. कई देश और समूह हिंद-प्रशांत के बढ़ते रणनीतिक हितों को देखते हुए अपने दृष्टिकोण के साथ सामने आए हैं, अप्रैल में, यूरोपीय संघ हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्राथमिकताओं और दृष्टि को सूचीबद्ध करने के लिए एक व्यापक रणनीति के साथ सामने आया.


ब्लिंकन की भारत यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों द्वारा कई द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किये जाने की उम्मीद है, जिसमें अफगानिस्तान में तेजी से विकसित हो रही स्थिति, क्षेत्र में चीन की बढ़ती मुखरता और कोरोना वायरस महामारी से निपटने में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीके शामिल हैं.


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गत मई में अमेरिका का दौरा किया था, जिस दौरान उन्होंने प्रमुख अमेरिकी फार्मा कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी. जयशंकर की अमेरिका की पांच दिवसीय यात्रा का मुख्य जोर देश के टीका उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका से भारत को कच्चे माल की आपूर्ति पर था. उम्मीद है कि भारत-अमेरिका वार्ता में अफगानिस्तान की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.


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