US Blacklists Chinese Biotech Firms: अमेरिका ने बृहस्पतिवार को उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकार हनन को लेकर चीन के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा की. राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा कि वह शिनजिंयाग प्रांत में मानवाधिकार हनन के लिए चीन की कई बायोटेक और निगरानी कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगा रहा है. 


वाणिज्य विभाग चीन की सैन्य चिकित्सा विज्ञान अकादमी और इसके 11 शोध संस्थानों पर निशाना साध रहा है जो चीनी सेना की मदद के लिए जैव-प्रौद्योगिकी (Bio-Technology) पर काम करते हैं. एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि राजकोष विभाग भी कई चीनी संस्थाओं के खिलाफ जुर्माना लगाने की तैयारी में है.


वाणिज्य विभाग की कार्रवाई का उल्लेख करते हुए अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी खुफिया तंत्र (American Intelligence) को पता चला है कि बीजिंग ने पूरे शिनजियांग प्रांत में उच्च तकनीकी निगरानी तंत्र स्थापित किया है जिसका उपयोग करके इस प्रांत के सभी निवासियों के फेशियल रेकॉग्निशन (Facial Recognition) तैयार किया गया है. प्रांत के 12 से 65 आयुवर्ग के सभी निवासियों के डीएनए सैंपल (DNA Sample) भी एकत्र किए गए हैं. अमेरिका इसे प्रांत के उइगर मुस्लिमों को दबाने के प्रयास के तौर पर देखता है.


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चीन ने आरोपों से इंकार किया है


हालांकि, चीन ने किसी भी तरह की प्रताड़ना के आरोपों को खारिज किया है. उसका कहना है कि आतंकवाद और अलगाववादी आंदोलनों से निपटने के लिए उसके द्वारा उठाए गए आवश्यक कदम हैं. 


अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित किए गए यह सभी संस्थान रक्त संचार (blood transfusions), बॉयोइंजीनियरिंग (bio-Engineering) और विष विज्ञान (toxicology) पर काम करते हैं. अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने एक बयान में कहा, “जैव प्रौद्योगिकी और चिकित्सा नवाचार की वैज्ञानिक खोज जीवन बचा सकती है, लेकिन, चीन इनका उपयोग अपने देश में जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहोंं के लोगों को दबाने और अमानवीय तरीके से दबाने के लिए कर रहा है.”


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