संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने अपनी परीक्षा प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि अब वह सिविल सेवा की प्रिलिम्स परीक्षा के तुरंत बाद उसकी उत्तर कुंजी यानी आंसर-की प्रकाशित करेगा. सुप्रीम कोर्ट में चल रहे 'हिमांशु कुमार बनाम भारत सरकार' केस में दाखिल हलफनामे में UPSC ने यह अहम जानकारी दी है.

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2024 में हिमांशु कुमार और विदुषी पांडे समेत 17 UPSC अभ्यर्थियों ने यह याचिका दाखिल की थी. याचिकाकर्ताओं ने आयोग पर आरोप लगाया था कि वह सिविल सेवा की प्रिलिम्स परीक्षा के बाद उत्तर कुंजी (Answer Key), कट ऑफ अंक और उम्मीदवारों को प्राप्त अंक तुरंत सार्वजनिक नहीं करता. इन सभी बातों की जानकारी पूरी परीक्षा प्रक्रिया खत्म हो जाने के बाद दी जाती है.

UPSC ने हलफनामा दाखिल कर बदलाव की कही बात

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याचिका में इस नीति को अभ्यर्थियों के साथ अन्याय और पारदर्शिता के सिद्धांतों का उल्लंघन बताया गया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि UPSC की यह व्यवस्था लाखों अभ्यर्थियों को अंधेरे में रखने वाली है. उत्तर कुंजी और कट ऑफ समय पर जारी न होने से उम्मीदवार यह नहीं जान पाते कि उनका मूल्यांकन किस आधार पर हुआ. इससे वह मूल्यांकन में हुई किसी कमी पर आपत्ति दर्ज कराने का मौका खो देते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जोयमाल्या बागची की बेंच इस मामले को सुन रही है. कोर्ट ने अपनी सहायता के लिए वरिष्ठ वकील जयदीप गुप्ता को बतौर एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. एमिकस ने भी याचिकाकर्ताओं की बात को सही ठहराया था. इसके बाद अब UPSC ने हलफनामा दाखिल कर परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव की बात कही है.

UPSC के हलफनामे के मुताबिक

1. प्रिलिम्स परीक्षा आयोजित होने के बाद प्रोविजनल आंसर की प्रकाशित की जाएगी.

2. उम्मीदवार किसी उत्तर पर अपनी आपत्ति को 3 प्रामाणिक स्रोतों का हवाला देते हुए दाखिल कर सकते हैं.

3. जो आपत्तियां स्रोत का हवाला दिए बिना दाखिल होंगी, उन्हें प्रारंभिक चरण में ही खारिज कर दिया जाएगा.

4. आयोग के विशेषज्ञ यह तय करेंगे कि अभ्यर्थी की तरफ से प्रस्तुत स्रोत आधिकारिक है या नहीं.

5. विषय के विशेषज्ञों की टीम की तरफ से तय किए गए उत्तर ही प्रिलिम्स परीक्षा के परिणाम की घोषणा का आधार बनेंगे.  

6. अंतिम उत्तर कुंजी (Final Answer Key) का प्रकाशन परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद किया जाएगा.

आयोग की सुप्रीम कोर्ट से अपील

आयोग ने कहा है कि वह नई कार्यप्रणाली पर अमल जल्द से जल्द शुरू करना चाहता है. आयोग का मानना है कि उसके इस कदम से याचिका में उठाई गई शिकायतों का प्रभावी निवारण हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही इस मामले की सुनवाई होनी है. आयोग ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह उसके इस हलफनामे के आधार पर मामले का निपटारा कर दे.

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