प्रयागराज: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग़ की तर्ज पर संगम नगरी प्रयागराज की महिलाएं आज लगातार छठें दिन भी शहर के मंसूर अली पार्क में धरने पर बैठी हुई हैं. धरने की कमान बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाओं ने संभाल रखी है. धरने में कई तरह के पोस्टर्स लगे हैं. इनमें सीएए के ख़िलाफ़ लगे पोस्टर्स के अलावा इंक़लाब के नारे भी पोस्टर्स में लगे हैं. साथ ही हिंसा न करने की अपील वाले पोस्टर्स भी मंसूर पार्क में लगाये गए हैं.


यह धरना आगे भी चलता रहे, इसके लिए स्थानीय लोगों की तरफ से इंतज़ाम किये गए हैं. इन इंतज़ामों में खाने पीने की व्यवस्था के अलावा चाय और मेडिकल कैम्प भी शामिल है.शहर के बीचो- बीच स्थित इस पार्क में आंदोलनकारियों का कब्ज़ा होने से प्रशासन की मुश्किलें अब लगातार बढ़ती जा रही हैं.



धरना ख़त्म कराने की कोशिश नाकामयाब
सरकारी अमले ने पिछले छह दिनों में कई बार आंदोलनकारियों को हटाने और उनका धरना ख़त्म कराकर पार्क को खाली कराने की कोशिश की, लेकिन ज़बरदस्त भीड़ के चलते यह कोशिश कामयाब नहीं हो सकी. महिलाएं पूरी रात यहां खुले आसमान के नीचे बैठी रहती हैं. यहीं नमाज़ पढ़ती हैं और यहीं से सरकार के खिलाफ हुंकार भर रही हैं.


इन महिलाओं को हटाने के लिए प्रशासन ने कई कोशिशें की लेकिन यह महिलाएं यहां से हटने को तैयार नहीं हैं. स्थिति यह है कि 27 नामज़द और 222 अज्ञात महिलाओं के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है लेकिन इस एफआईआर का भी प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ रहा.



मुकदमा दर्ज होने के बावजूद महिलाएं अपना आंदोलन ख़त्म करने को तैयार नहीं
सरकारी अमले ने चार दिन पहले धरना दे रही तकरीबन ढाई सौ महिलाओं और उन्हें समर्थन देने वाले पुरुषों को खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बावजूद महिलाएं अपना आंदोलन ख़त्म करने को कतई तैयार नहीं हैं. पार्क में महिलाओं के समर्थन में बड़ी संख्या में पुरुष भी डटे रहते हैं. हालांकि धरने पर सिर्फ महिलाएं ही बैठी हुई हैं.


पार्क में पूरे दिन गूंजते है देशभक्ति के तराने
इस पार्क में पूरे दिन देशभक्ति के तराने गूंजते हैं. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराता रहता है और यह संदेश देने की कोशिश की जाती है कि हिन्दुस्तान की सरजमीं से बेपनाह मोहब्बत होने की वजह से उन्हें मजबूरी में घर -बार और बच्चों को छोड़कर आंदोलन पर बैठना पड़ा है. महिलाओं के खाने का इंतजाम भी यहीं पर रहता है. इसके साथ ही यहां दवाओं व बच्चों के बिस्किट वगैरह का इंतजाम भी कर दिया गया है. मंसूर पार्क में आंदोलनकारी महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आंदोलन को ख़त्म कराने और पार्क को महिलाओं के कब्ज़े से आज़ाद कराना अब सरकारी अमले के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो रहा है.



पार्क के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
धरने में शामिल महिलाओं का कहना है कि जब तक सरकार नागरिकता संशोधन क़ानून यानी CAA को पूरी तरह वापस लेने का एलान नहीं कर देती. वह अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगी और इसी तरह धरने पर बैठी रहेंगी. मुस्लिम महिलाओं के इस धरने को अब विपक्षी पार्टियों व कई दूसरे संगठनों ने भी अपना समर्थन दे दिया है. इन संगठनों के सदस्य भी मंसूर पार्क पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हुंकार भर रहे हैं. प्रशासन ने पार्क के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे हैं.


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