नई दिल्ली: चुनाव प्रचार में यांत्रिक बूचड़खानों को लेकर जैसे वादा किया गया वैसा तो नहीं हुआ लेकिन आज उस तरफ एक कदम जरूर बढ़ाया है. यांत्रिक कत्लखानों को लेकर यूपी कैबिनेट में फैसला हुआ कि इन पर कार्रवाई कानूनी सलाह के बाद की जाएगी. यानी तत्काल सभी कत्लखानों पर कार्रवाई नहीं होने जा रही है.
बीजेपी के वादे का क्या? पुलिस अभी सिर्फ अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई कर रही है लेकिन बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र (चुनावी घोषणा पत्र) में जिस तरह से कार्रवाई का दावा किया था वैसा होता नहीं दिख रहा. ऐसे में सवाल उठ रहा है बीजेपी के वादे का क्या होगा.
आज भी हुई अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई आज दिनभर राज्य के अलग-अलग शहरों में अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई होती रही. मेरठ से लेकर आगरा, कानपुर, हाथरस, बिजनौर और अलीगढ़ तक दिनभर उत्तर प्रदेश में कत्लखानों पर कार्रवाई होती रही.
बूचड़खानों पर कार्रवाई से साढ़े 11 हजार करोड़ सालाना का नुकसान यूपी में करीब चालीस यांत्रिक बूचड़खाने हैं जबकि 316 अवैध बूचड़खाने हैं. माना जाता है कि बूचड़खानों पर कार्रवाई से साढ़े 11 हजार करोड़ सालाना का नुकसान यूपी सरकार को होगा.
उन बूचड़खानों को अवैध कहा जाता है जिनके पास नगर निगम के लाइसेंस से लेकर प्रदूषण विभाग और पर्यावरण विभाग के जरूरी कागजात न हो. पिछले तीन दिनों बूचड़खानों के खिलाफ जो कार्रवाई हुई वो NGT का आदेश था.