नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन रैकेट की जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के आंरभिक तथ्य मिलने के बाद इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एसटीएफ शाखा ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. ईडी के निशाने पर एक विदेशी बैंक खाते समेत देश विदेश के आधा दर्जन से ज्यादा संगठन और हवाला ऑपरेटर है. अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि उमर गौतम के संगठन द्वारा जिन लोगों का धर्मान्तरण कराया गया उनमें लगभग 55 प्रतिशत महिलायें हैं.


उत्तर प्रदेश एटीएस विभाग ने गुरूवार को ही धर्म परिवर्तन रैकेट से जुडे़ आवश्यक दस्तावेज जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दिए थे. आरंभ में इस मामले की जांच ईडी की लखनऊ शाखा से कराए जाने को कहा गया था लेकिन मामले में अंतरराष्ट्रीय तार जुड़ने का बाद इस मामले की आरंभिक जांच ईडी मुख्यालय की एसटीएफ शाखा द्वारा कराई गई और जांच में तथ्य मिलने के बाद ईडी ने आज मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी.


ईडी सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में आरंभिक जांच के दौरान एक विदेशी खाता एचएसबीसी बैंक से संबधित मिला है जिसमें करोडो रुपये के लेनदेन का शक है. साथ ही देश विदेश से जुडे आधा दर्जन संगठन ऐसे मिले हैं जिन पर इस मामले मे मनी लॉन्ड्रिंग का शक है. साथ ही विदेशों से कथित चंदा लिए जाने की रसीदे भी मिली है. ऐसे में इस मामले की जांच की आंच देश से लेकर विदेश तक औऱ आम से लेकर खास तक पहुंच सकती है. सूत्रों ने बताया कि आऱंभिक जांच के दौरान यह बाते सामने आई है- आईडीसी द्वारा धर्मान्तरित लोगों में लगभग 55 फीसदी महिलाएं शामिल हैं. अधिकांश धर्मान्तरित लोग 20-30 वर्ष के आयु वर्ग में हैं. एक एचएसबीसी बैंक में खाता है जिसमें अज्ञात विदेशी स्रोतों से 1.5 करोड़ प्राप्त होने का शक अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन भी शक के दायरे में है.


गिरफ्तार उमर गौतम को इस एनजीओ का वाइस चैयरमैन बताया गया है. मजलिस अल फलाह ट्रस्ट से जुड़े एक अब्दुल्ला आदम पटेल पर भारत में अवैध धन का भेजने का आरोप है और यह भी शक है कि उसके जरिए उमर गौतम तक धन आय़ा चांदनी चौक दिल्ली के कुछ हवाला आपरेटर भी इस रैकेट में धन लाने के लिए शामिल है.


प्रवर्तन निदेशालय अपनी आरंभिक जांच के दौरान इन सभी लोगो से पूछताछ करेगा और जरूरत पड़ने पर इस मामले में गिरफ्तार उमर गौतम और काजी जंहागीर को भी अपनी हिरासत मे लेकर पूछताछ करेगा. जांच से जुडे आला सूत्रों के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए कुछ औऱ जांच एजेंसियां इस जांच में शामिल हो सकती हैं और आने वाले दिनों में कुछ मौलानाओ समेत अनेक लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.


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