नई दिल्ली: भारत में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा बड़ा रैकेट पकड़ा गया है. इस रैकेट के तार यूपी से लेकर महाराष्ट्र तक फैले हुए हैं. आईएसआई के इस खुफिया मॉड्यूल के पकड़े जाने से और भी कई राज खुलने की उम्मीद है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के दोनों मोहरे भारत की बर्बादी के सपने देख रहे थे. यूपी एटीएस, मिलिट्री और यूपी खुफिया विभाग के साझा अभियान में आफताब अली नाम के आईएसआई को गिरफ्तार किया गया है.



फैजाबाद सेना का भर्ती और ट्रेनिंग सेंटर है. आफताब को आईएसआई ने खासतौर पर फैजाबाद में संपर्क बनाने और सेना के ठिकानों और गतिविधियों की जानकारी के लिए रखा था. आफताब को पाकिस्तान में आईएसआई की ट्रेनिंग भी दी गई थी. आफताब अली दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के संपर्क में भी था.


वहीं मुंबई में पकड़ा गया हवाला कारोबारी अल्ताफ, मुंबई में बैठकर आईएसआई एजेंटों के लिए पैसों का इंतजाम करता था. आरोप है कि अल्ताफ को हवाला के जरिए आईएसआई से पैसे मिलते थे और वो इस पैसे को आगे देता था. अल्ताफ ने ही आईएसआई के कहने पर आफताब के खाते में पैसा जमा किया. अल्ताफ के पास से लगभग 70 लाख रुपये बरामद किए गए हैं.


फैजाबाद से पकड़े गए आफताब से कई राज और खुल सकते हैं. आफताब के पास से फोन बरामद हुआ है जिससे वो आईएसआई को नक्शे भेजा करता था. गिरफ्तार आरोपी को आज फैजाबाद या लखनऊ की कोर्ट में पेश किया जा सकता है. भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए ये बड़ी कामयाबी है. पूछताछ के बाद आईएसआई से जुड़े और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.


ISI एजेंट आफताब अली को जासूसी के बदले रुपए देने वाला दूसरा ISI एजेंट ‘जावेद’ मुंबई से गिरफ्तार हो चुका है. जावेद को ही पाकिस्तान से पैसा जमा करने के निर्देश मिलते थे और उसके बताने पर अल्ताफ ने खाते में पैसे जमा कराए थे. उसके पास से पुख्ता प्रमाण मिले है कि उसने पाकिस्तान स्थित एजेंट के निर्देश पर आफताब (फ़ैज़ाबाद) के खाते में जासूसी के एवज़ में पैसा जमा किया था. महाराष्ट्र ATS के साथ मिल कर उससे पूछताछ की जा रही है. अन्य एजेन्टों के भी नाम खुलने की आशा है.