Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद सियासी घमासान जारी है. जहां कुछ पार्टियां इसका समर्थन कर रही हैं तो वहीं कुछ पार्टियां ऐसी भी हैं जो यूसीसी की जमकर आलोचना कर रही हैं. अब मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड भारत के वास्तविक विचार के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ये देश के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि हमारा देश विविधता में एकता वाला एक विविध राष्ट्र है.  


नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष कॉनराड के. संगमा ने कहा, 'मेघालय की एक अनूठी संस्कृति और समाज है. यहां के लोग ऐसे ही रहना चाहेंगे.' उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मेघालय एक मातृसत्तात्मक समाज हैं, यही हमारी ताकत रही है और यही हमारी संस्कृति रही है. हम नहीं चाहेंगे कि इसे बदला जाए. यूसीसी ड्राफ्ट की वास्तविक सामग्री को देखे बिना विवरण में जाना मुश्किल होगा. 


पीएम मोदी ने क्या कहा था?


पीएम मोदी ने हाल ही में अपने भोपाल दौरे के दौरान कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा है. एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पायेगा क्या? ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?'' इतना ही उन्होंने आगे कहा था कि मुसलमान बेटियों पर 'तीन तलाक' का फंदा लटकाकर, कुछ लोग उन पर हमेशा अत्याचार करने की खुली छूट चाहते हैं. यही लोग तीन तलाक का समर्थन भी करते हैं. 


पीएम मोदी के इस बयान के बाद असदुद्दीन औवेसी ने बीजेपी पर सवाल खड़े किए. ओवैसी ने कहा कि सरकार दलित मुस्लिमों के लिए अनुसूचित जाति आरक्षण (SC) का विरोध क्यों कर रही है? बीजेपी पिछड़े मुस्लिमों का आरक्षण देने का विरोध क्यों कर रही है? क्या वह इस सामाजिक अन्याय का दोष भी यूसीसी को देंगे? वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी पार्टियां भी हैं जो यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करती हुए नजर आ रही हैं, जिनमें आम आदमी पार्टी और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना का नाम शामिल है.


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