Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता (UCC) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद देशभर में एक बार फिर नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच मंगलवार (27 जून) की रात को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने बैठक की. इसके बाद AIMPLB ने लॉ कमीशन को चिट्ठी लिखकर राय देने के लिए छह महीने का समय मांगा है. लॉ कमीशन ने 14 जून को सभी हितधारकों और धार्मिक संगठनों से यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर विचार मांगे थे. 


ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दीदी ने लॉ कमीशन के सक्रेटरी को लेटर लिखकर कहा कि समान नागरिक संहिता पर हम अपनी राय का ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं और इसे हम अंतिम रूप देने में लगे हैं, लेकिन हम आपसे राय देने के समय को कम से कम 6 महीने तक बढ़ाने का अनुरोध करते हैं. ऐसा इसलिए ताकि लोग, धार्मिक संगठन और हितधारक विचार दे सकें. 


लेटर में क्या लिखा?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिक संगठन होने के नाते हम लॉ कमीशन के नोटिस पर राय देंगे. हमने पहले भी ऐसा ही किया है. कमीशन ने जो नोटिस जारी किया है वो सामान्य और अस्पष्ट है. 


बोर्ड ने कहा कि कमीशन ने आमंत्रित किए गए सुझावों को लेकर शर्त के बारे में भी कुछ नहीं बताया. लेटर में मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दीदी ने लिखा कि यूसीसी का मुद्दा अचानक से इतना बड़ा कैसे बन गया जबकि कमीशन बार-बार कहता रहा है कि यूसीसी की जरूरत नहीं है. 


ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने की थी बैठक 
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार (27 जून) बैठक कर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विरोध जारी रखने का निर्णय लेते हुए कहा है कि वह इस सिलसिले में विधि आयोग के सामने अपनी दलीलों को और जोरदार ढंग से पेश करेगा. 


बोर्ड के वरिष्‍ठ सदस्‍य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि बोर्ड की बैठक में अध्‍यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्‍लाह रहमानी समेत बोर्ड के विभिन्‍न पदाधिकारी और सदस्‍य शामिल हुए.  उन्होंने कहा कि देर रात तक चली इस बैठक में यूसीसी के मसले पर बोर्ड के वकीलों द्वारा विधि आयोग के सामने रखी जाने वाली आपत्तियों के मसविदे पर विचार-विमर्श हुआ. 


मौलाना फरंगी महली ने बताया कि बैठक में यूसीसी का विरोध जारी रखने का फैसला किया गया और यह तय किया गया कि बोर्ड इस मामले में विधि आयोग के सामने अपनी दलीलों को और पुरजोर तरीके से रखेगा. 


लॉ कमीशन ने कब नोटिस जारी किया था?
लॉ कमीशन ने बुधवार (14 जून) को नोटिस में कहा था कि बाइसवें विधि आयोग ने यूसीसी पर लोगों और मान्यताप्राप्त धार्मिक संगठनों के विचार मांगने का फैसला किया है. इसको लेकर संगठन और लोग नोटिस जारी किए जाने के तारीख की 30 दिन की के अंदर कमीशन को अपने विचार दे सकते हैं. 


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