नई दिल्ली: ग्लोबल मंच पर लगातार बेइज्जत होने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है. जहां भी मौका मिलता है वो कश्मीर का राग अलापना शुरू कर देता है. जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर एक बार फिर भारत ने पाक को करारा जवाब दिया है. भारत ने कहा है कि नकदी की तंगी से जूझ रहे इस देश के डीएनए में आतंकवाद है. यह बात भारत ने पेरिस में हुई यूनेस्को की जनरल कॉन्फ्रेंस में कही.


यूनेस्को की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाली अनन्या अग्रवाल ने कहा, "पाकिस्तान के विक्षिप्त व्यवहार की वजह से उसकी अर्थव्यवस्था कमजोर है. कट्टरपंथी समाज और आतंकवाद के गहरे जड़ से प्रभावित राज्य में गिरावट आई है." उन्होंने पैनल को बताया कि ''पाकिस्तान अंधेरों का घर है. चरमपंथी विचारधाराओं और कट्टरता की गहरी शक्तियों से लेकर आतंकवाद की सबसे गहरी जड़ें इस देश में हैं.'' उन्होंने कहा कि ''हम भारत के खिलाफ जहर उगलने और उसका राजनीतिकरण करने के लिए पाकिस्तान के यूनेस्को के निराशाजनक दुरुपयोग की निंदा करते हैं.''


अनन्या अग्रवाल ने कहा कि ''पाकिस्तान 2018 में, नाजुक राज्य सूचकांक में 14 वें स्थान पर था. पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसके नेता संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल खुलेआम परमाणु युद्ध का प्रचार करने और अन्य राष्ट्रों के खिलाफ हथियार रखने के लिए करते हैं.'' अग्रवाल ने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में प्रधानमंत्री इमरान खान की टिप्पणी का जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने कहा था अगर दो परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों के बीच आमना-सामना होगा, तो परिणाम उनकी सीमाओं से बहुत आगे निकल जाएंगे.


अग्रवाल ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपतियों में से एक जनरल परवेज मुशर्रफ के हाल ही में ओसामा बिन लादेन और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादियों को पाकिस्तान का हीरो बताने वाले बयान का भी जिक्र किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अपनी धरती पर अल्पसंख्यक समुदाय के मानवाधिकारों की विकट परिस्थितियों के बावजूद भारत के प्रति दुर्भावनापूर्ण बयानबाजी कर रहा है.


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