यूक्रेन में फंसे भारतीयों के साथ यूरोप के देशों के बॉर्डर पर हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर यूक्रेन के राजदूत ने सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि यूक्रेन किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है. यूक्रेन के लिए सभी देशों के नागरिक एक समान हैं और सभी भारतीय को सुरक्षित भेजने की कोशिश की जा रही है. 


यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने राजधानी दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि रूस का हमला एक बड़ी त्रासदी है. रूस के बम और मिसाइल पूरे यूक्रेन में गिर रहे हैं. ऐसे में हजारों लाखों की तादाद में लोग यूक्रेन को छोड़कर भाग रहे हैं और पड़ोसी यूरोपीय देश पहुंच रहे हैं. कुछ घटनाएं सामने आई हैं जिसमें शरणार्थियों के साथ बॉर्डर-गार्ड्स ने बदसूलकी की है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि सभी शरणार्थी अनुशासन का पालन करें. यूक्रेन के लिए सभी देशों के नागरिक एक समान हैं. उनकी एंबेसी में तैनात मिलिट्री-अटैचे की पत्नी और दो छोटे बच्चों के साथ यूक्रेन बॉर्डर पर फंसे हुए हैं. 


यूक्रेन में भारतीयों के साथ भेदभाव के वीडियो वायरल
आपको बता दें कि पौलेंड और दूसरे देशों की सीमाओं से लगे यूक्रेन बॉर्डर की कुछ तस्वीरें और वीडियो सामने आई थी जिसमें यूक्रेन के सैनिक गाली-गलौच और हवाई फायरिंग करते दिखाई दिए थे. कुछ लोगों का आरोप था कि बॉर्डर पार कराने में यूक्रेन के सैनिक भेदभाव कर रहे हैं. कुछ वीडियो में भारतीय भी दिखाई दिए थे. यही वजह है कि दिल्ली में यूक्रेन के राजदूत को पूरे मामले पर सफाई पेश करनी पड़ी. 


पोलिखा ने कहा कि उनका देश आक्रमण का पीड़ित है. इसलिए इस रिफ्यूजी-संकट के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. अगर कोई इस संकट से छुटकारा दिला सकता है तो वो कोई और नहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन हैं. क्योंकि इस संकट की जड़ रूस है. राजदूत ने कहा कि ये युद्ध का समय है और बेहद गंभीर संकट यूक्रेन में छाया हुआ है. ऐसी मानवीय त्रासदी भारत अपने बंटवारे के समय में देख चुका है. लेकिन यूक्रेन हर हालात में भारत की मदद करने के लिए तैयार है. इसके लिए खुद भारत के विदेश सचिव ने उनसे एक दिन पहले मुलाकात की थी. 


अब तक रूस के 5300 सैनिक मारे गए
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राजदूत पोलिखा ने अपने देश के हालात के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि किस तरह रूस की सेना रिहायशी इलाकों, स्कूल, किंडरग्राडन, म्यूजियम और अनाथलाय को निशाना बना रही है. बच्चे भी रूस की मिसाइल और बमों में मारे गए हैं. लेकिन यूक्रेन के सैनिक मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं. उन्होनें दावा किया कि अब तक रूस के 5300 सैनिक मारे जा चुके हैं और न जाने कितने युद्ध-बंदी बना लिए गए हैं. रूस पर लगे प्रतिबंधों का नतीजा है कि रूस के विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल होने के लिए नहीं जा सके. क्योंकि अधिकतकर देशों ने रूस के विमानों के लिए एयर-स्पेस बंद कर दी है. रूस के आर्थिक हालात भी खराब होने लगे है. 


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