Ukrainian Woman To Leave India: यूक्रेन की एक महिला को अपने 5 साल के बच्चे के साथ भारत छोड़ने की इजाजत मिल गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला के पूर्व पति की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने फैमिली कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने 5 साल के बच्चे (यूक्रेनी नागरिक) की कस्टडी की मांग वाली गार्जियनशिप पिटिशन (संरक्षकता याचिका) को खारिज कर दिया था. महिला का दावा है कि उसका पूर्व पति उसके बेटे को चोरी छिपे भारत ले आया था. 


लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने यूक्रेन में युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, देश के अन्य हिस्सों में शत्रुता के बावजूद मां और उसके भाई-बहनों के साथ बच्चे के रहने में सर्वोत्तम हित में है, क्योंकि यह नाबालिग को सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगा. 


2021 में महिला का पति से हुआ था तलाक

दरअसल, महिला की शख्स के साथ साल 2000 में शादी हुई थी. मई 2021 में यूक्रेन में दोनों का तलाक हो गया. हालांकि, उस व्यक्ति को बाद में बच्चों से मिलने का अधिकार मिल गया. महिला का दावा है कि उसका पूर्व पति 2022 में नाबालिग बेटे को घुमाने के लिए ले गया, लेकिन वापस नहीं लौटा. बाद में पता चला कि वह बच्चे के साथ रोमानिया से होते हुए भारत आ गया. 


फैमिली कोर्ट ने भी खारिज की पिता की याचिका

इसके बाद ये मामला फैमिली कोर्ट पहुंचा. जहां कोर्ट ने शख्स की गार्जियनशिप पिटिशन खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि बच्चे का सामान्य निवास स्थान यूक्रेन है, ऐसे में नाबालिग को मां के साथ रहना चाहिए. इस मामले में गृह मंत्रालय ने भी कोर्ट में हलफनामा दिया. गृह मंत्रालय ने कहा कि रूस युद्ध के समय भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी थी. हालांकि, कोर्ट ने कहा, ये सलाह बच्चे और उसकी मां पर लागू नहीं होगी, क्योंकि दोनों यूक्रेनी नागरिक हैं.