नई दिल्लीः देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ब्लैक फंगस बिमारी तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है. ब्लैक फंगस के कारण जैसे-जैसे संक्रमण के मामलों में तेजी आई है, वैसे ही लोगों के दिलों में इसका डर बैठने लगा है. यहीं कारण है कि कोरोना वैक्सीन की तरह ही अब ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की भी कालाबाजारी शुरु हो गई है.


ब्लैक फंगस इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहा गिरोह गिरफ्तार


ताजा मामले में तेंलगाना के हैदराबाद में पुलिस ने अवैध रूप से ब्लैक फंगस इंजेक्शन खरीदने और बेचने के आरोप में दो गिरोह को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की 28 शीशीयां जब्त की हैं. पुलिस ने जानकारी दी है कि गिरोह के सदस्य इस इंजेक्शन को 35,000 रुपये से 50,000 रुपये में बेच रहे थे. बता दें कि बाजार में इस इंजेक्शन का अधिकतम खुदरा मूल्य लगभग 7,800 रुपये है.






ब्लैक फंगस के कारण तीन बच्चों की निकाली गई आंखें


वहीं मुंबई में ब्लैक फंगस या म्यूकोर्मिकोसिस से पीड़ित तीन बच्चों की आंखों को ऑपरेशन के बाद निकाल दिया गया है.  डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस के संक्रमण को उनके शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोकने और उनकी जान बचाने के लिए निकालना पड़ा. तीन बच्चों की उम्र 4, 6 और 14 साल बताई जा रही है. जिनमें सबसे 14 साल का बच्चा डायबिटीज से पीड़ित था. 


बता दें कि ब्लैक फंगस को बिहार में नीतीश सरकार ने पिछले महीने महामारी घोषित कर दिया था. वहीं अब झारखंड में के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ब्लैक फंगस को राज्य में महामारी घोषित करने का निर्देश दिया है. झारखंड में ब्लैक फंगस से 25 लोगों की मौत हुई है तो वहीं बिहार में 76 लोगों ने ब्लैक फंगस के कारण अपनी जान गंवा दी.


इसे भी पढ़ेंः
अमित शाह से मिले जगदीप धनखड़, सीएम ममता बोलीं- राज्यपाल को हटाने के लिए PM मोदी को 3 बार पत्र लिख चुकी हूं


चीन से तनातनी के बीच बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रहा भारत, रक्षा मंत्री ने अरूणाचल को असम से जोड़ने वाली सड़क का किया उद्घाटन