तमिलनाडु वेत्री कझगम (TVK) प्रमुख और अभिनेता से नेता बने थलापति विजय की करूर रैली में शनिवार (27 सितंबर, 2025) की रात अफरा-तफरी और भगदड़ मच गई. इस भयावह हादसे में अब तक कुल 39 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. इसके अलावा, कई दर्जन लोग इस भगदड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनकी अस्पताल में इलाज जारी है. चश्मदीदों, पीड़ित परिवारों और घटनास्थल से मिली तस्वीरों ने इस बात को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया कि कैसे कुछ ही मिनटों में उत्सव जैसा माहौल अब तक की सबसे भयावह राजनीतिक भगदड़ में तब्दील हो गई.
इस हादसे के बारे में एक शख्स विनोद कुमार, जिनकी भाभी इस हादसे में मारी गईं, ने कहा कि उनका पूरा परिवार TVK प्रमुख विजय को देखने के लिए देर रात तक रुका हुआ था, लोग विजय को प्यार से विजय मामा कहकर बुलाते हैं. उन्होंने कहा, ‘काफी देर हो रही थी, लेकिन वे लोग विजय सर को एक बार देखना चाहते थे. वहीं, शनिवार शाम 7 बजे से 7:30 बजे के बीच बिजली कट गई थी और विजय सर के आने से ठीक पहले लोगों की हुजूम अचानक से बढ़ गया था.’
उन्होंने कहा, ‘इस हादसे में मेरी भाभी और उनके 11 साल और 7 साल के दो बच्चों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. दोनों बच्चे इस दौरान सांस लेने में परेशानी से जूझ रहे थे और वह अपनी मां से अलग हो गए थे. वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उनके मौत का कारण दम घुटना बताया गया है.’
हादसे के बाद घटनास्थल पर लगे जूतों के ढेर और फैला था मलबा
इस भयानक हादसे के बाद करूर स्थित घटनास्थल पर जूते-चप्पलों के ढेर लगे थे. इसके अलावा, पानी की बोतलें, फटे हुए झंडे और मलबा बिखरा हुआ देखा गया. हादसे के दौरान कई लोग अपने आपको बचाते हुए सड़क किनारे खुले नालों तक में गिर गए थे, तो कुछ लोगों ने ऊंचे स्थानों पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन वो दोबारा नीचे गिर गए. इस दौरान पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज का भी इस्तेमाल किया.
एक शख्स ने घटना को लेकर कहा, ‘लोग विजय का नाम जोर-जोर से पुकार रहे थे. ऐसे में काफी लोगों को यह समझ नहीं आया कि भगदड़ मच चुकी है. लोग नीचे गिरने वालों पर पैर रखकर आगे बढ़ते चले गए. लेकिन जब लोग सुबह में हादसे वाली जगह पर पहुंचे तो उस तबाही के मंजर को देखकर वे सन्न रह गए. करूर के सरकारी अस्पतालों में घायलों से भर गया था, अस्पताल के कर्मियों के साथ पुलिस भी लोगों के मदद में जुटी थी. वहीं, शव गृह के बाहर पूरी रात मृत लोगों के परिवारों रोते-बिलखते रहे.